Edited By Kuldeep, Updated: 18 Feb, 2025 09:55 PM
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नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार की होम स्टे पॉलिसी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार प्रदेश के लोगों को रोजगार नहीं दे रही है, स्वरोजगार के लिए उत्साहित नहीं कर रही है।
शिमला (ब्यूरो): नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार की होम स्टे पॉलिसी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार प्रदेश के लोगों को रोजगार नहीं दे रही है, स्वरोजगार के लिए उत्साहित नहीं कर रही है। दूसरी तरफ प्रदेश के लोग जो खुद से कुछ करना चाह रहे हैं उन्हें भी नहीं करने दे रही है। होम स्टे की जो नई पॉलिसी सरकार द्वारा लाई जा रही है वह पूर्णतया तुगलकी और तानाशाही है। शिमला से जारी बयान में उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार की प्रदेश के लोगों के लिए भी कोई जिम्मेदारी है या सिर्फ प्रदेश के लोग अपनी गाढ़ी कमाई से इस व्यवस्था परिवर्तन वाली सुख की सरकार की केवल मित्रों को पालने की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दूरदराज के इलाकों में जो होम स्टे प्रदेश की माताओं-बहनों की आजीविका और आत्मसम्मान का आधार हैं, नई होम स्टे पॉलिसी लाकर सरकार उन्हें कुचलना चाहती है।
उन्होंने सीएम से आग्रह किया कि यदि वह प्रदेशवासियों के लिए कुछ नहीं कर सकते तो कम से कम जो लोग खुद से कुछ कर रहे हैं उन्हें करने दें और उन्हें स्वाभिमान से जीने दें। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश भर की महिलाओं को लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य के लिए काम कर रहे हैं तो दूसरी तरफ हमारे मुख्यमंत्री प्रदेश की दीदियों से ही लखपति बनने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने होम स्टे की रजिस्ट्रेशन फीस में 150 गुना की वृद्धि की है। इस पर सीएम को विचार करना चाहिए। उन्होंने सी.एम. को याद दिलाया कि कांग्रेस प्रदेश की महिलाओं को 1500 रुपए महीना देने की गारंटी देकर सत्ता में आई थी लेकिन अब आत्मनिर्भर महिलाओं से सरकार 3000 रुपए प्रति वर्ष वसूलने जा रही है। उन्होंने सरकार की नई होम स्टे पॉलिसी को प्रदेश की महिलाओं के साथ अन्याय करार दिया।
गांवों में 2 कमरे में होम स्टे चलाने वाले कहां से लाएंगे जीएसटी नंबर
जयराम ठाकुर ने कहा कि नई होम स्टे पॉलिसी में रजिस्ट्रेशन के लिए जीएसटी नंबर की शर्त सभी के लिए अनिवार्य की है जबकि जीएसटी कौंसिल द्वारा 20 लाख के वार्षिक टर्नओवर की सीमा वाले व्यवसायी के लिए जीएसटी में छूट है। अब गांव में एक-दो कमरे में होम स्टे चलाने वाली महिला कहां से जीएसटी नंबर लाएगी। हर महीने कैसे जीएसटी रिटर्न भरेगी, कैसे रजिस्टर मैंटेन करेगी? ऐसी स्थिति में तो वह जितना कमाएगी उससे ज्यादा अकाऊंटैंट को देने पड़ जाएंगे।
नई होम स्टे पॉलिसी जनता विरोधी
उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार द्वारा लाई जा रही यह नई होम स्टे पॉलिसी हिमाचल प्रदेश के आम जनता की विरोधी है। हिमाचल प्रदेश के विकास की विरोधी है। होम स्टे हिमाचली संस्कृति के अग्रदूत के रूप में काम कर रहे हैं, जब लोग हिमाचल के दूरदराज के गांवों में जाकर रुकते हैं तो वे हिमाचल की संस्कृति से रू-ब-रू होते हैं। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार की यह पॉलिसी स्वरोजगार विरोधी है, ग्रामीण क्षेत्रों की आत्मनिर्भरता की विरोधी है। इसलिए व्यापक जनहित को देखते हुए सरकार इस तुगलकी पॉलिसी को वापस ले।