वनों की आग से वन संपदा सहित भूमि की उर्वरकता व जलस्रोतों को होता है नुक्सान : सुक्खू

Edited By Kuldeep, Updated: 21 Mar, 2023 07:32 PM

shimla forest fire damage

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वनों की आग न केवल वन संपदा बल्कि क्षेत्र की जैव विविधता, वातावरण और पारिस्थितिकी को प्रभावित करती है। वनों में आग के कारण न सिर्फ वन संपदा प्रभावित होती है, बल्कि भूमि की उर्वरकता के साथ-साथ...

शिमला (भूपिन्द्र) : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वनों की आग न केवल वन संपदा बल्कि क्षेत्र की जैव विविधता, वातावरण और पारिस्थितिकी को प्रभावित करती है। वनों में आग के कारण न सिर्फ  वन संपदा प्रभावित होती है, बल्कि भूमि की उर्वरकता के साथ-साथ जलस्रोतों को भी नुक्सान पहुंचता है। यह बात उन्होंने मंगलवार को शिमला में विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर हटेगी फु लणू, लौटेगी चरागाह अभियान के शुभारंभ अवसर पर कही। इस मौके पर उन्होंने जागरूकता वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 8 दिनों तक चलने वाला यह अभियान 28 मार्च को संपन्न होगा। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को वनों की आग की रोकथाम और लैंटाना प्रभावित क्षेत्रों में पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के बारे में जागरूक करना है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वनों के संरक्षण में जन जागरूकता के महत्व पर बल देते हुए कहा कि वन राज्य के लिए बहुमूल्य संपत्ति हैं और हर वर्ष गर्मियों के दौरान वनों में आग की घटनाएं बढ़ जाती हैं, जिससे करोड़ों रुपए की वन संपदा और जीव-जंतुओं का नुक्सान होता है। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से इसे रोकने की आवश्यकता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लैंटाना उन्मूलन पर पोस्टर और वनों में आग पर एक पुस्तिका भी जारी की। प्रधान मुख्य वन अरण्यपाल राजीव कुमार ने कहा कि 8 दिनों के इस अभियान के दौरान प्रचार टीम पारिस्थितिकी बहाली के अंतर्गत 48 केंद्रों तक पहुंच कर लोगों को जागरूक करेगी। इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, कैम्पा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नागेश कुमार सहित अन्य गण्यमान्य व वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

लैंटाना कृषि तथा वन भूमि के लिए हानिकारक
मुख्यमंत्री ने कहा कि लैंटाना खरपतवार विशेष तौर पर राज्य के निचले क्षेत्रों में पारिस्थितिकी तंत्र को बुरी तरह प्रभावित करता है और इससे लोगों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लैंटाना कृषि तथा वन भूमि दोनों के लिए ही हानिकारक है।

एच.आर.एफ.आई. ने किया वानिकी दिवस आयोजित
हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान (एच.एफ.आर.आई.) शिमला में अंतर्राष्ट्रीय वानिकी दिवस का आयोजन किया गया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में संस्थान निदेशक डा. संदीप शर्मा, मुख्य वक्ता नेक राम शर्मा अधिकारियों, कर्मचारियों, वैज्ञानिकों, शोधार्थियों तथा 85 विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस मौके पर नेक राम शर्मा ने मोटे अनाज के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

Related Story

Trending Topics

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!