Edited By kirti, Updated: 17 Sep, 2019 12:35 PM
पिछले 8 सालों से सऊदी अरब में बंधक नगरोटा बगवां गांव रौंखर के विजय के परिजनों ने मुख्यमंत्री से अपने बेटे की वतन वापसी की गुहार लगाई है। विजय के परिजनों ने सोमवार को डी.सी. कांगड़ा के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपकर अपने बेटे की आपबीती...
धर्मशाला(नितिन कुमार) : पिछले 8 सालों से सऊदी अरब में बंधक नगरोटा बगवां गांव रौंखर के विजय के परिजनों ने मुख्यमंत्री से अपने बेटे की वतन वापसी की गुहार लगाई है। विजय के परिजनों ने सोमवार को डी.सी. कांगड़ा के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपकर अपने बेटे की आपबीती सुनाई। परिजनों ने डी.सी. के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे मांग पत्र में कहा कि विजय पिछले 8 सालों से सऊदी अरब में बंधक की जिंदगी काट रहा है। उन्होंने कहा कि बेटे की वतन वापसी के लिए सांसद और विधायक को अपना दुखड़ा सुना चुके हैं। इसके अलावा पी.एम.ओ. में भी पत्राचार कर चुके हैं, लेकिन अभी तक आश्वासन ही मिले हैं। विजय कुमार के भाई अजय कुमार ने बताया कि उनका छोटा भाई 2011 में सऊदी अरब की एक कंपनी में कार्य करने के लिए गया। इस दौरान उसे वहां पर लोडर ऑपरेटर का काम सौंप दिया गया।
उसके पास इसका कोई न तो लाइसैंस था और न ही अनुभव। विजय ने मेहनत से इस कार्य को बखूबी निभाया। इसी बीच 2013 में उसके बांग्लादेश के साथी की लोडर से गिर कर मौत हो गई। इसके बाद वहां की पुलिस उसे पकड़ कर ले गई और करीब 20 दिन बाद उसे छोड़ दिया गया। जब विजय का कंपनी के साथ 3 वर्ष का करार खत्म हुआ तो उसने घर जाने की इच्छा जताई। उक्त कंपनी ने उसे 6 माह तक कार्य करने के लिए कहा। विजय ने 6 माह बीतने के बाद उसने पुन:घर आने के लिए कहा, लेकिन कंपनी ने उसे वापस नहीं भेजा। कंपनी प्रबंधन ने कहा कि उस पर केस चला हुआ है, जिसके चलते उसे घर नहीं भेजा जा सकता।
हालांकि इसके बाद विजय ने भारतीय दूतावास से संपर्क किया और अपनी व्यथा सुनाई, लेकिन वहां से भी उसे कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। इसके बाद कंपनी प्रबंधन ने उसे बांग्लादेश दूतावास से क्लीन चिट लाने को कहा, लेकिन यह क्लीन चिट उसे अभी तक नहीं मिली है। उधर इस संबंध में डी.सी. कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति ने कहा कि सऊदी अरब में बंधक विजय कुमार को वापस लाने के लिए सरकार से पत्राचार किया जाएगा और उनके द्वारा सौंपा मांग पत्र भी मुख्यमंत्री तक पहुंचा दिया जाएगा, ताकि जल्द से जल्द विजय अपने वतन परिजनों के पास पहुंच सके।