Edited By Vijay, Updated: 30 Sep, 2024 10:31 PM
राज्य के हजारों किसानों की आर्थिकी में ट्राऊट मछली उत्पादन सहायक बनी है और बीते वर्ष की अपेक्षा राज्य में रिकार्ड 15.70 फीसदी ट्राऊट का अधिक उत्पादन हुआ है।
शिमला (संतोष): राज्य के हजारों किसानों की आर्थिकी में ट्राऊट मछली उत्पादन सहायक बनी है और बीते वर्ष की अपेक्षा राज्य में रिकार्ड 15.70 फीसदी ट्राऊट का अधिक उत्पादन हुआ है। राज्य सरकार मछुआरों को उच्च गुणवत्ता वाले ट्राऊट ब्रूड स्टॉक और रेनबो ट्राऊट बीज प्रदान करने के लिए जिला कुल्लू के पतलीकूहल में ट्राऊट ब्रूड बैंक स्थापित करने पर भी विचार कर रही है। यह कदम राज्य में ट्राऊट उत्पादन को बढ़ाने के अलावा ट्राऊट पालकों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यहां से जारी बयान में कहा कि प्रदेश में ट्राऊट मछली के उत्पादन रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है। प्रदेश में वर्ष 2022-23 में ट्राऊट मछली का उत्पादन 1170.50 मीट्रिक टन था, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 1388 मीट्रिक टन का आंकड़ा पार कर गया है। वर्ष 2021-22 में ट्राऊट मछली का उत्पादन 913.50 मीट्रिक टन रहा था। उन्होंने कहा कि ट्राऊट पालन के लिए हिमाचल प्रदेश का शीतल और ऑक्सीजनयुक्त पानी उपयुक्त वातावरण प्रदान करता है।
सिरमौर, शिमला, चम्बा, किन्नौर व कुल्लू में लगेंगे विशेष प्रशिक्षण शिविर
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में 9 और निजी क्षेत्र में छह ट्राऊट मत्स्यशालाएं (हैचरी) चल रही हैं, जोकि मछली पालकों को बीज उपलब्ध करवा रही हैं। मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालकों को ट्राऊट पालन के लिए आधुनिक तकनीक से संबंधित प्रशिक्षण भी मुहैया करवाया जा रहा है। शिमला जिले के दूरदराज क्षेत्र डोडराक्वार में पहली बार लोगों के लिए विशेष प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।
सिरमौर, शिमला, चम्बा, किन्नौर और कुल्लू जिलों में भी इस तरह के प्रशिक्षण शिविर लगाए गए। उन्होंने कहा कि कुल्लू और मंडी जिलों में ट्राऊट पालन व्यावसायिक स्तर पर पहुंच गया है। चंडीगढ़ और दिल्ली के पांच सितारा होटलों में ट्राऊट की भारी मांग है। ट्राऊट पालन की बढ़ती प्रसिद्धि राज्य के पर्यटन क्षेत्र को भी नए आयाम दे रही है।
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