Edited By Vijay, Updated: 24 Sep, 2023 09:17 PM

कांग्रेस द्वारा लगाया गया श्वेत पत्र उसकी 10 गारंटियों की तरह ही झूठ का पुलिंदा है। इससे साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस ने झूठ का एक नया अध्याय शुरू कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस व प्रदेश सरकार को आड़े हाथों...
शिमला (हैडली): कांग्रेस द्वारा लगाया गया श्वेत पत्र उसकी 10 गारंटियों की तरह ही झूठ का पुलिंदा है। इससे साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस ने झूठ का एक नया अध्याय शुरू कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस व प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया और पत्रकार वार्ता में सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि श्वेत पत्र में दिए गए सारे आंकड़े झूठे हैं, गलत है और सच्चाई से परे हैं। वह कांग्रेस पार्टी को याद दिलाना चाहते हैं कि इस कूप्रबंधन की शुरूआत 1993 से 1998 के कांग्रेस शासनकाल में हुई थी, जब कांग्रेस ने इलैक्ट्रीसिटी बोर्ड के नाम पर मार्कीट से 1000 करोड़ का लोन लिया था, जिसकी दरें बहुत अधिक थीं। इस लोन का कोई औचित्य नहीं था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 2012 से 2017 तक के शासनकाल में 20000 करोड़ से अधिक का लोन लिया था, इसकी कोई आवश्यकता नहीं थी। भाजपा सरकार के दौरान उन्होंने तो कोविड जैसी महामारी का सामना किया है। उन्होंने कहा कि इस श्वेत पत्र को उठाकर कूड़े के डिब्बे में फैंक देना चाहिए। 2017 में जब भाजपा ने सत्ता संभाली थी तो कांग्रेस काल के 2016 और 2017 की 3 डीए की किस्तें जोकि लगभग 18 प्रतिशत थी, उनका भुगतान हमने किया, साथ ही हमने 3 प्रतिशत और दिया। शायद कांग्रेस पार्टी को यह दिखता नहीं है।
कांग्रेस ने 2012-17 में लिया था इतिहास का सबसे बड़ा लोन
जयराम ने कहा कि 2012 से 2017 में कांग्रेस पार्टी ने बड़ा लोन लिया था जोकि आज तक के इतिहास में सबसे ज्यादा है। यह लोन 28000 करोड़ से 47000 करोड़ तक पहुंच गया था। यदि इसमें उछाल देखा जाए तो 66 प्रतिशत का है। कार्यकाल में कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों के 9000 करोड़ रुपए देने थे, जो कि भाजपा की सरकार ने दिए और साथ ही इस सरकार ने एफआरबीएम एक्ट का पालन भी नहीं किया। उन्होंने कहा कि जीएसटी कंपनसेशन की बात करें तो पूरे देश में यह 5 साल के लिए मिली थी, हिमाचल कोई विभिन्न नहीं है। कांग्रेस पार्टी केवल झूठ बोलकर जनता को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वैस्टर मीट के ऊपर केंद्र सरकार द्वारा 10 करोड़ की राशि दी गई थी, जो कि इन्होंने छुपाने का प्रयास किया है। भाजपा कार्यकाल में 2 ग्राऊंड ब्रैकिंग सैरेमनी हुई, जिसमें शिमला में 13,000 करोड़ और मंडी में 28000 करोड़ के एमओयू साइन हुए। अभी तक 8000 करोड़ से ज्यादा प्रोजैक्ट धरातल पर उतर चुके हैं। उन्होंने कहा कि जब मुकेश अग्निहोत्री कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में स्वयं उद्योग मंत्री थे तब उन्होंने भी इन्वैस्टर मीट की पर उनसे एक भी एमओयू हस्ताक्षर नहीं हो पाया।
मुख्यमंत्री ने अपने नाम से शुरू की योजनाएं, भाजपा ने नहीं जताई आपत्ति
जयराम ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने नाम की योजनाएं शुरू की हैं पर हमने कोई आपत्ति दर्ज नहीं की। यदि कोई योजना धरातल पर उतरती है तो पैसे तो लगेंगे अगर आपको लगता है पैसे बचाने हैं तो खुद की योजनाएं भी रद्द करो। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात तो यह है कि जो संस्थान हमने विकास कार्यों के लिए खोले थे, जिसमें पूरा स्टाफ भी बैठ गया था, उन्हें बंद कर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह उनको पुन: खोलकर अपने नाम की पट्टिकाएं लगाने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि एक्साइज पॉलिसी के बारे में भी सरकार ने झूठ बोला और 40 प्रतिशत बढ़ौतरी का भरोसा दिया, आज केवल यह बढ़ौतरी 13 प्रतिशत हुई है। प्रदेश की हाइडल कैपेसिटी 23000 करोड़ मैगावाट है, जिसमें से अभी तक केवल 11000 करोड़ ही इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि हमने 39014 करोड़ का लोन लिया, पर देखने की बात तो यह है कि हमने उसमें से ब्याज समेत 38275 करोड़ चुका भी दिए। उन्होंने कहा कि भाजपा का जनमंंच कार्यक्रम सबसे ज्यादा प्रभावशाली कार्यक्रम रहा, गांव-गांव में स्थान-स्थान पर हमने जा-जाकर लोगों की समस्या का समाधान किया। 258 जनमंच लगे, जिसमें 45000 से अधिक शिकायतें आईं और 60 प्रतिशत से अधिक शिकायतों का निवारण भी कर दिया गया।
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