Edited By Jyoti M, Updated: 24 Dec, 2024 06:01 PM
हिमाचल प्रदेश के मंडी से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। बता दें कि एक महिला जो कि 25 साल से आश्रम में रह रही थी किसी को पता ही नहीं था कि वो कहां से है। अब यह महिला मंडी प्रशासन की वजह से अपने परिवार से मिल पाई है।
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के मंडी से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। बता दें कि एक महिला जो कि 25 साल से आश्रम में रह रही थी किसी को पता ही नहीं था कि वो कहां से है। अब यह महिला मंडी प्रशासन की वजह से अपने परिवार से मिल पाई है। लेकिन परिवार 25 साल पहले अंतिम संस्कार भी कर चुका था। एक आईएएस ऑफिसर की वजह से यह संभव हो पाया है। अब साकम्मा अपने परिवार के साथ कनार्टक रवाना हो गई है। बता दें कि साकम्मा 25 वर्ष पहले कर्नाटक से भटककर उत्तर भारत आ गई थी और वर्ष 2018 में साकम्मा को लावारिस हालत में रैस्क्यू किया गया था। मौजूदा समय में वह मंडी जिले के सुंदरनगर में वृद्ध आश्रम भंगरोटू में रह रही थी। कर्नाटक की रहनी वाली साकम्मा हिंदी नहीं जानती थी और यहां पर कोई कन्नड़ नहीं जानता था।
प्रशासन ने किया था आश्रम का दौरा
डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारी समय-समय पर ऐसे सभी आश्रमों का दौरा करके वहां की सुविधाओं का जायजा लेते रहते हैं। बीते 18 दिसम्बर को एडीसी मंडी रोहित राठौर जब वृद्ध आश्रम भंगरोटू पहुंचे तो उन्होंने यहां साकम्मा को देखा और इसके बारे में जांच पड़ताल की। उन्होंने कन्नड़ भाषा में बात करने के लिए कर्नाटक निवासी एसडीएम पालमपुर के पद पर तैनात आईएएस अधिकारी नेत्रा मैती से महिला की दूरभाष पर बात करवाई और इसके घर के बारे में जानकारी जुटाई।
इसके बाद उन्होंने मंडी जिला में कार्यरत कर्नाटक के ही निवासी आईपीएस प्रोबेशनर अधिकारी रवि नंदन को वृद्ध आश्रम भेजकर महिला से ज्यादा बातचीत करवाई और महिला का वीडियो बनाकर कर्नाटक सरकार के साथ सांझा किया गया। अपूर्व देवगन ने बताया कि प्रदेश सरकार, अधिकारियों और कर्नाटक सरकार के सहयोग से इस महिला के परिवार वालों को ढूंढ लिया गया है। साकम्मा के लापता होने के बाद एक दुर्घटना में किसी महिला का क्षत विक्षत शव मिला था, जिसे साकम्मा समझकर परिवार के लोगों ने अंतिम संस्कार कर दिया था। घर पर लगी साकम्मा की तस्वीर पर माला चढ़ाई गई थी, जिसे परिवार ने अब उतार दिया है।
साकम्मा को 25 वर्ष पुरानी बातें ही याद, अब मिलेगी परिवार से
साकम्मा की मानसिक स्थिति थोड़ी ठीक नहीं है. उसे 25 वर्ष पहले की बातें ही याद हैं और वह कन्नड़ भाषा में यही कहती है कि उसके छोटे-छोटे बच्चे हैं. लेकिन साकम्मा को यह नहीं मालूम ही वे छोटे-छोटे बच्चे अब शादियां करके माता-पिता भी बन चुके हैं। साकम्मा के पति की मृत्यु हो चुकी है और अब अपने बच्चों से ही मिल पाएगी। चंडीगढ़ से साकम्मा हवाई मार्ग से कर्नाटक जाएगी। प्रशासन ने सभी कागजी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद साकम्मा को कर्नाटक से आए अधिकारियों के हवाले कर दिया है।