Edited By Vijay, Updated: 23 Aug, 2025 05:37 PM

हिमाचल प्रदेश के द्रंग विधानसभा क्षेत्र में स्थित स्नोर घाटी इन दिनों प्रकृति की मार झेल रही है। यहां की शाढला पाली प्राथमिक स्कूल के ठीक पास बहने वाले नाले में तीन बार फ्लैश फ्लड की घटनाएं हो चुकी हैं।
टकोली (वीना): हिमाचल प्रदेश के द्रंग विधानसभा क्षेत्र में स्थित स्नोर घाटी इन दिनों प्रकृति की मार झेल रही है। यहां की शाढला पाली प्राथमिक स्कूल के ठीक पास बहने वाले नाले में तीन बार फ्लैश फ्लड की घटनाएं हो चुकी हैं। इसके चलते सड़कें और रास्ते बुरी तरह तबाह हाे चुके हैं, जिससे छोटे-छोटे बच्चे स्कूल तक पहुंचने में असमर्थ हो गए हैं। स्कूल के बगल में बनी एक छोटी पुलिया मलबे से पूरी तरह बंद हो चुकी है और नाले का सारा पानी अब सड़क के ऊपर से बह रहा है, ऐसे में हर दिन बच्चे और गांव के लोग अपनी जान को खतरे में डालकर नाला पार करने को मजबूर हैं।
स्कूल में पढ़ रहे 29 बच्चे
स्कूल में फिलहाल 29 बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन इन विपरीत हालातों में उनका स्कूल जाना किसी खतरे से कम नहीं है। यहां कोई वैकल्पिक रास्ता भी नहीं है, जिससे बच्चे और ग्रामीण सुरक्षित तरीके से अपने घरों तक पहुंच सकें। स्थानीय शिक्षक मोहन सिंह सकलानी और बच्चों के अभिभावक रोजाना सुबह-शाम इन नन्हे छात्रों को नाला पार कराने में मदद कर रहे हैं। पाली पंचायत के प्रधान लाल सिंह, जय कृष्ण ठाकुर, एसएमसी प्रधान नुपे राम, संजय ठाकुर, विजय भधेल, रोहित ठाकुर और जागृति महिला मंडल शाढला की प्रधान गंगा देवी ने इस स्थिति पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने सरकार और जिला प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द सड़कों की मुरम्मत की जाए और पेयजल आपूर्ति बहाल की जाए, ताकि लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पटरी पर लौट सके।
कोटाधार और पाली पंचायतें भी फ्लैश फ्लड की चपेट में
यह आपदा सिर्फ शाढला तक सीमित नहीं है। स्नोर घाटी की ग्राम पंचायत कोटाधार और पाली भी भारी बारिश और फ्लैश फ्लड से बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। इन दोनों पंचायतों के बीच स्थित चुभलू जंगल में आई बाढ़ ने शाढला गांव के नाले में भयानक तबाही मचाई। भधेलड़ी, शाढला और पाली गांवों में सड़कों का नामोनिशान तक मिट चुका है। जगह-जगह भूस्खलन से रास्ते बंद हैं और लोगों को अपनी दैनिक जरूरतें पूरी करने या आने-जाने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों के अनुसार फ्लैश फ्लड उनकी मेहनत से लगाए गए जापानी फल, कीवी और खुबानी के पौधों को बहा ले गया। कई घरों पर अब भी खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि नालों में बड़े-बड़े पत्थर फंसे हुए हैं और सड़कों पर मलबा बिखरा पड़ा है। अगर प्रशासन ने समय रहते इन पत्थरों को हटाया नहीं, तो आने वाली बारिश में और बड़ी तबाही हो सकती है। फ्लैश फ्लड का पानी नालों से निकलकर सड़कों पर बहा, जिसने सब कुछ तहस-नहस कर दिया।
ग्रामीण इलाकों में कोई जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा
अगस्त महीने में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से हुए इस नुकसान का जायजा लेने के लिए अब तक कोई जनप्रतिनिधि या प्रशासनिक अधिकारी ग्रामीण इलाकों में नहीं पहुंचे, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) पर हुए नुक्सान और उसके आसपास के गांवों में प्रशासन ने दौरा किया और स्थिति का आकलन किया, लेकिन इन दूरदराज के गांवों में लोग अकेले ही अपनी मुसीबतों से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय पर मदद नहीं मिली तो उनकी जिंदगी और मुश्किल हो जाएगी। वे उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार जल्द ही राहत कार्य शुरू करेगी और इन क्षेत्रों को फिर से बसाएगी।