Himachal: राजनीतिक दलों का बोझ ढो रहा HRTC, सरकार से 9 करोड़ के भुगतान का इंतजार

Edited By Vijay, Updated: 07 Dec, 2024 12:13 PM

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हिमाचल में यात्रियों को करोड़ों रुपए की रियायतें देने के साथ एचआरटीसी राजनीतिक दलों का बोझ भी ढो रहा है। रैलियों, राजनीतिक कार्यक्रमों व चुनावों के दौरान प्रयोग की गई बसों की सरकार पर एचआरटीसी की 9 करोड़ की देनदारी है।

शिमला (राजेश कौंडल): हिमाचल में यात्रियों को करोड़ों रुपए की रियायतें देने के साथ एचआरटीसी राजनीतिक दलों का बोझ भी ढो रहा है। रैलियों, राजनीतिक कार्यक्रमों व चुनावों के दौरान प्रयोग की गई बसों की सरकार पर एचआरटीसी की 9 करोड़ की देनदारी है। हालांकि कुछ महीने पहले यह देनदारी करीब 23 करोड़ रुपए थी जिसमें सरकार ने 14 करोड़ की देनदारी वापस भी की है लेकिन 9 करोड़ की देनदारी अभी भी बाकी है। सरकार की एचआरटीसी पर देनदारियों में कांग्रेस के 2 साल के कार्यकाल की तो कम ही राशि देने को है लेकिन इसमें सबसे अधिक राशि भाजपा कार्यकाल की है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों को पैसा अभी तक निगम को नहीं आया है। 

सरकार व चुनाव आयोग से पत्राचार कर रहा निगम प्रबंधन
आजादी का 75वां अमृत महोत्सव के तहत आयोजन में प्रदेश में हुई रैलियों व कार्यक्रम के 7.15 करोड़ की राशि निगम को अभी तक नहीं मिली है, जिसके इंतजार में निगम करीब 2 साल से है। वहीं कांग्रेस कार्यकाल यानी 2022 के बाद के करीब 35 लाख रुपए की राशि सरकार के पास है। इसके अतिरिक्त 2022 व 2024 में हुए चुनावों, लोकसभा चुनावों व उपचुनाव की राशि सरकार द्वारा एचआरटीसी को देने को है। राशि के भुगतान को लेकर निगम प्रबंधन सरकार व चुनाव आयोग से पत्राचार भी कर रहा है। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की निदेशक मंडल की बैठकों में अकसर देनदारियों को लेकर चर्चा हो रही है और हर बैठक में यह आंकड़ा भी प्रदर्शित किया जाता है कि कितनी देनदारियों निगम को लेनी हैं और कितनी करोड़ों की रियायत सरकार छूट पर दे रही है लेकिन इसके बावजूद भी देनदारियों का पैसा पूरा नहीं हो रहा है।

2022 में प्रधानमंत्री की जनसभा में हुआ था 14 करोड़ से अधिक खर्च
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2022 अक्तूबर माह में हुई जनसभाओं में एचआरटीसी ने 14 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए। बिलासपुर में हुई जनसभा का 1597 बसों पर 7.13 करोड़ रुपए का खर्च आया। वहीं 13 अक्तूबर को हुई 2 जनसभाओं में ऊना के लिए 422 बसों पर 1.95 करोड़ रुपए का खर्च आया। वहीं इसी दिन चम्बा में हुई जनसभा में 709 बसें ड्यूटी पर लगाई गईं, जिसमें 5.79 करोड़ रुपए खर्च आया था। इसमें अभी सिर्फ 7.15 करोड़ की राशि की अदायगी हुई है। 

निगम ने ली सीख, अब एडवांस राशि पर ही जाएंगी बसें 
राजनीतिक दलों द्वारा रैलियों के लिए बसों की मांग के बाद समय पर करोड़ों की राशि का भुगतान करने के बाद निगम ने अब यह भी निर्णय लिया है कि वह अब किसी भी राजनीतिक दल व सरकारी कार्यक्रम व अन्य कार्यक्रमों के लिए बसें तो सेवाओं के लिए देंगे लेकिन 50 प्रतिशत राशि इसकी एवज में पहले लेंगे। यदि यह शर्त पूरी नहीं होती है तो बसें सेवाओं के लिए नहीं दी जाएंगी। 

क्या कहते हैं भाजपा और कांग्रेस नेता
भाजपा मीडिया विभाग के रणधीर शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार ने तो राहुल गांधी सहित अन्य कांग्रेस नेताओं की रैलियों का भुगतान सत्ता में रहते हुए किया है।  भाजपा ने कभी भी निगमों व बोर्ड के हित्तों को नुक्सान नहीं पहुंचाया। मौजूदा सरकार में तो कर्मचारियों को वेतन और पैंशनर्ज को पैंशन पर संकट मंडराया हुआ है। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने कहा कि भाजपा ने तो प्रधानमंत्री की रैलियों का हिसाब तक चुकता नहीं किया है। उन्होंने कहा कि इन देनदारियों को अब कांग्रेस सरकार चुकता कर रही है। भविष्य में प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन से कैसे निगम बोर्ड की गाड़ी पटरी आ सके इसके लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। 
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