Edited By Jyoti M, Updated: 10 Nov, 2024 02:44 PM
बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक टैटू बनवाने का क्रेज बढ़ता जा रहा है लेकिन इसके साथ जुड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। खासकर, यदि टैटू आर्टिस्ट और सेंटर सुरक्षित और स्वच्छ प्रक्रियाओं का पालन नहीं करते हैं, तो यह एचआईवी जैसी गंभीर...
हिमाचल डेस्क। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक टैटू बनवाने का क्रेज बढ़ता जा रहा है लेकिन इसके साथ जुड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। खासकर, यदि टैटू आर्टिस्ट और सेंटर सुरक्षित और स्वच्छ प्रक्रियाओं का पालन नहीं करते हैं, तो यह एचआईवी जैसी गंभीर बीमारियों के फैलने का कारण बन सकता है।
यही वजह है कि अब हिमाचल प्रदेश राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी टैटू सेंटरों के आर्टिस्टों के साथ बैठक करेगी। प्रथम चरण में शिमला शहर के आर्टिस्टों का डाटा निकालकर उनके साथ बैठक की जाएगी। अगर एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति यदि टैटू बनवाने के लिए किसी सेंटर में आता है और आर्टिस्ट सिरिंज या अन्य उपकरणों का पुनः उपयोग करता है, तो यह संक्रमण फैलने का खतरा पैदा कर सकता है।
यदि सही तरीके से उपकरणों की सफाई या नई सिरिंज का उपयोग नहीं किया जाता, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। हिमाचल प्रदेश राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. ललित ठाकुर ने जानकारी देतें हुए बताया कि शहर में जितने भी टैटू सेंटर हैं, उनके आर्टिस्टों को बीमारी से बचाव को लेकर जागरूक किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी के अनुसार पिछले दो सालों में एक भी ऐसा केस सामने नहीं आया है जिनमें किसी मां से उसके बच्चे में यह बीमारी फैली हो। सोसायटी का कहना है कि यह डाटा शून्य है।
हिमाचल प्रदेश की खबरें पढ़ने के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें Click Here