Edited By Vijay, Updated: 28 Aug, 2025 07:04 PM

हिमाचल प्रदेश में सैस का पैसा खर्च करने के लिए एसओपी तैयार की जा रही है। राज्य में वर्तमान समय में 10 प्रकार के सैस लगाए गए हैं, जिससे सरकार को करोड़ों की आय हुई है। इस सैस से अभी तक 762 करोड़, 13 लाख 60 हजार 421 का राजस्व प्राप्त हुआ है।
शिमला (प्रीति): हिमाचल प्रदेश में सैस का पैसा खर्च करने के लिए एसओपी तैयार की जा रही है। राज्य में वर्तमान समय में 10 प्रकार के सैस लगाए गए हैं, जिससे सरकार को करोड़ों की आय हुई है। इस सैस से अभी तक 762 करोड़, 13 लाख 60 हजार 421 का राजस्व प्राप्त हुआ है। विधायक विक्रम ठाकुर के सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि वित्त विभाग इस पैसे को खर्च नहीं कर सकता, ऐसे में अब जिस विभाग का पैसा होगा, वही विभाग इसे खर्च कर सकेगा, इस तरह का प्रावधान किया जाएगा। इसके लिए एसओपी तैयार की जा रही है।
माइनिंग पर दो से तीन तरह के सैस, आम आदमी पर पड़ रहा बाेझ
इस दौरान विधायक विक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार ने माइनिंग पर भी दो से तीन तरह के सैस लगाए हैं, जिससे आम आदमी पर बोझ पड़ रहा है। इसकी एवज में बजरी, रेत महंगे हो रहे हैं। इसके जवाब में उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि इसको लेकर डीसी को निर्देश दिए जाएंगे कि वह रेत और बजरी के रेट पर कंट्रोल रखें।
गौवंश को तय राशि जारी न होने का मामला सदन में उठा
विधायक ने बीते तीन महीने से गौसदनों में गौवंश को तय राशि जारी न होने का मामला सदन में उठाया। इस पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रतिमाह प्रति गौवंश राशि को बढ़ाने जा रही है। जो पहले प्रति माह प्रति गौवंश 700 रुपए दिए जाते थे, अब उसे 1250 रुपए किया गया है। उन्होंने कहा है कि जल्द ही इन्हें यह राशि जारी कर दी जाएगी। इस दौरान सरकार पंचायती राज संस्था, मोटरवाहन पर सैस, गऊधन विकास निधि, एम्बुलैंस सेवा फंड, कोविड सैस, मिल्क सैस, प्राकृतिक खेती सैस, दुग्ध उपकर, मिल्क सैस और पर्यावरण सैस व लेबर सैस ले रही है।