Edited By Jyoti M, Updated: 17 Mar, 2025 03:59 PM

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। मुख्यमंत्री ने शहरी क्षेत्रों के छोटे व्यापारियों के लिए लघु दुकानदार कल्याण योजना को और लचीला बनाने की घोषणा की है। इस योजना के तहत, फल विक्रेता, छोटे...
हिमाचल डेस्क। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। मुख्यमंत्री ने शहरी क्षेत्रों के छोटे व्यापारियों के लिए लघु दुकानदार कल्याण योजना को और लचीला बनाने की घोषणा की है। इस योजना के तहत, फल विक्रेता, छोटे ढाबा मालिक, सब्जी बेचने वाले और छोटे कारोबारी, जो कर्ज में दबे हुए हैं और जिनका टर्न ओवर 10 लाख रुपये से कम है, उन्हें वन टाइम सेटलमेंट (OTS) सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही, सरकार लोन पर लगने वाले ब्याज को भी वहन करेगी। इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिससे छोटे व्यापारी अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकें।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने राज्य में 2025-26 के दौरान हरोली में पहला ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक स्थापित करने का भी ऐलान किया है। यह कदम राज्य में ड्राइविंग टेस्ट प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए उठाया जा रहा है। इसके साथ ही जल परिवहन सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं। 2025-26 में 500 इलेक्ट्रिक बसें खरीदी जाएगी, जो पर्यावरण को भी फायदा पहुंचाएगी और यातायात को सुगम बनाएगी। राजधानी शिमला में अब ऑनलाइन पास की सुविधा शुरू कर दी गई है, जिससे नागरिकों को अपने परिवहन से संबंधित कामों में और अधिक सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में ड्रोन टैक्सी सेवाओं की शुरुआत की भी घोषणा की है। इस योजना के तहत ड्रोन का उपयोग कृषि-बागवानी और दवाइयों को पहुंचाने सहित अन्य कामों में किया जाएगा। इसके अलावा, ड्रोन टैक्सी सेवाओं का इस्तेमाल अन्य कार्यों में भी किया जा सकेगा। मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा जिलों में ड्रोन स्टेशन स्थापित किए जाएंगे, जिससे इन क्षेत्रों में कृषि व अन्य कार्यों में सुधार होगा और रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
प्रदेश सरकार ने औद्योगिक नीति में बदलाव की भी योजना बनाई है। इसके तहत, राज्य में निवेशकों के लिए एक बेहतर और फ्रेंडली वातावरण तैयार किया जाएगा। इसके लिए एक उच्च स्तरीय बोर्ड का गठन किया जाएगा, जो राज्य के औद्योगिक निवेश से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार करेगा। इसके साथ ही, उद्योगों को दो महीने के भीतर सभी जरूरी अनुमतियां प्रदान की जाएंगी, जिससे उद्योगों को किसी भी तरह की रुकावट का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा, उद्योगों को 40 पैसे प्रति यूनिट की दर से सब्सिडी दी जाएगी, जो साल में दो बार डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से दी जाएगी।
यह सभी कदम राज्य के विकास को गति देने, रोजगार के अवसर बढ़ाने और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से उठाए गए हैं। सरकार का यह प्रयास है कि प्रदेश को प्रौद्योगिकी और उद्योग के मामले में और भी प्रगति मिले, जिससे यहां के लोग अधिक खुशहाल और समृद्ध जीवन जी सकें।