हाईकोर्ट ने शामलात भूमि में उत्खनन पर तुरंत प्रभाव से लगाई रोक, सरकार से जवाब तलब

Edited By Vijay, Updated: 25 Jan, 2023 11:25 PM

highcourt shimla

प्रदेश हाईकोर्ट ने शामलात भूमि पर हो रहे उत्खनन पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है। मोहाल हार डोगरी ग्राम पंचायत कोहलापुर, रक्कड़ जिला कांगड़ा में शामलात भूमि को खनन कार्य के लिए आबंटित करने से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने यह आदेश पारित किए।

शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने शामलात भूमि पर हो रहे उत्खनन पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है। मोहाल हार डोगरी ग्राम पंचायत कोहलापुर, रक्कड़ जिला कांगड़ा में शामलात भूमि को खनन कार्य के लिए आबंटित करने से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने यह आदेश पारित किए। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात सरकार से पूछा था कि जब हाईकोर्ट ने अपने फैसलों में यह स्पष्ट किया है कि गांववासियों के संयुक्त इस्तेमाल के लिए रखी गई शामलात भूमि को उत्खनन के लिए आबंटित नहीं किया जा सकता तो मोहाल हार डोगरी ग्राम पंचायत कोहलापुर, रक्कड़ जिला कांगड़ा में शामलात भूमि को उत्खनन के लिए कैसे आबंटित किया गया है। सरकार को याचिका का जवाब 6 मार्च तक देने के आदेश पारित किए गए हैं। 

विक्रम कुमार और अन्य याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि सरकार ने कानून की परवाह किए बगैर मोहाल हार डोगरी में उत्खनन कार्य के लिए शामलात भूमि प्रतिवादी को दे दी। इस आबंटन से उनके अधिकारों का हनन हो रहा है और क्षेत्र में प्रदूषण की समस्या भी पैदा हो सकती है। प्राॢथयों ने निजी प्रतिवादी और सरकार के बीच हुए करार को रद्द करने की गुहार भी लगाई है। प्राॢथयों का आरोप है कि राजस्व विभाग के सचिव सहित उद्योग विभाग के निदेशक और राज्य भू-वैज्ञानिक अपने कत्र्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहे हैं। यह इनका दायित्व है कि वे ग्रामीणों के हितों की रक्षा करें और हिमाचल प्रदेश विलेज कॉमन लैंड वेस्टिंग और उपयोग अधिनियम, 1974 के प्रावधानों का अक्षरश: पालन करें। 

प्रार्थकयों के अनुसार कानूनन गांव की सरकारी भूमि को 2 भागों में विभक्त किया गया है। 50 फीसदी से अधिक भूमि को चरागाह और ग्रामीणों के सांझे इस्तेमाल के लिए रखा गया है, जबकि बाकी बची भूमि को भूमिहीन अथवा आवासहीन ग्रामीणों को देने के लिए रखा गया है। इसलिए शामलात भूमि को खनन कार्य सहित अन्य किसी उपयोग के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। प्रार्थियों का आरोप है कि तहसील नूरपुर निवासी शिवम पठानिया को उनकी आरक्षित पूल की भूमि खनन के लिए दे दी गई। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया प्रार्थियों की दलीलों से सहमति जताते हुए मोहाल हार डोगरी ग्राम पंचायत कोहलापुर, रक्कड़ जिला कांगड़ा में शामलात भूमि की खदान से खनन पर रोक लगा दी।

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