Edited By Kuldeep, Updated: 25 Apr, 2025 10:00 PM

प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की एकलपीठ ने राज्य सरकार द्वारा 180 मैगावाट बैरा-स्यूल हाईड्रो पावर परियोजना को अपने नियंत्रण में लेने पर रोक लगा दी है।
शिमला (मनोहर): प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की एकलपीठ ने राज्य सरकार द्वारा 180 मैगावाट बैरा-स्यूल हाईड्रो पावर परियोजना को अपने नियंत्रण में लेने पर रोक लगा दी है। इस परियोजना का संचालन वर्तमान में राष्ट्रीय जलविद्युत निगम (एनएचपीसी) द्वारा किया जा रहा है। एनएचपीसी द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए यह अंतरिम आदेश जारी किया गया है। याचिका में राज्य सरकार द्वारा परियोजना को पुनः प्राप्त करने के प्रयास को चुनौती दी गई है। कोर्ट ने बैरा-स्यूल हाईड्रो इलैक्ट्रिक 180 मैगावाट परियोजना के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश पारित किए हैं। अदालत के आदेश में कहा गया है कि विवादित परियोजना के संबंध में दिनांक 26.03.2025 का संचार और मंत्रिपरिषद का निर्णय अगले आदेश तक प्रभावी नहीं होगा।
1980-81 में शुरू हुई बैरा-स्यूल परियोजना को मूल रूप से प्रारंभिक समझौते की शर्तों के अनुसार 40 वर्षों के संचालन के बाद राज्य सरकार को वापस सौंप दिया जाना था। इस अवधि के पूरा होने के बाद राज्य सरकार ने परियोजना पर नियंत्रण हासिल करने के लिए कदम उठाए। हालांकि एनएचपीसी ने इस कदम का विरोध किया है और अगस्त 2021 में संयंत्र का आधुनिकीकरण करने के आधार पर स्थायी स्वामित्व का दावा किया है। कोर्ट ने अगले आदेश तक प्रस्तावित अधिग्रहण के संबंध में राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए सभी संचार और कैबिनेट के फैसलों पर रोक लगा दी। मामले की अगली सुनवाई 26 मई को निर्धारित की गई है।