Edited By Vijay, Updated: 16 Jul, 2025 12:59 PM

आलमपुर-ठाकुरद्वारा निवासी मंगल सेन का परिवार में कई तरह की दुश्वारियों से घिरा हुआ है। गरीब परिवार से संबंधित मंगल सेन एक तरफ जहां कैंसर से जूझ रहे हैं, वहीं परिवार की आर्थिक हालात बेहद नाजुक बनी हुई है। रहने लायक कच्चा मकान भी गिरने की कगार पर है।
आलमपुर (विजय पुरी): आलमपुर-ठाकुरद्वारा निवासी मंगल सेन का परिवार में कई तरह की दुश्वारियों से घिरा हुआ है। गरीब परिवार से संबंधित मंगल सेन एक तरफ जहां कैंसर से जूझ रहे हैं, वहीं परिवार की आर्थिक हालात बेहद नाजुक बनी हुई है। रहने लायक कच्चा मकान भी गिरने की कगार पर है। मंगल सेन कभी दिहाड़ी-मजदूरी करता थे परंतु पिछले 1 साल से कैंसर से पीड़ित हो गए। फिर परिवार की जिम्मेदारी का मोर्चा मंगल की पत्नी कंचन ने संभाल लिया। कंचन ने लोगों के घर पर जाकर झाड़ू-बर्तन साफ करने का काम शुरू किया, ताकि पति की दवाई और परिवार का खर्चा चला सके। पहले तो कुछ स्थानीय लोगों व क्षेत्र की 2 संस्थाओं ने परिवार की मदद की, लेकिन स्थिति बिगड़ती ही चली गई। पति का स्वास्थय ठीक न होने के कारण अब कंचन घर पर ही पति की देखभाल कर रही है। पति की हालत ऐसी है कि वो काम पर नहीं जा पा रही है। अब घर का खर्चा, बीमार पति का इलाज सब दानी सज्जनों के रहमोकरम पर है।
इंजैक्शन के लिए चाहिए 1.25 लाख रुपए
कंचन ने बताया कि पहले उसने आईजीएमसी में कीमोथैरेपी में उसके बाद रेडिएशन करवाया पर अब डॉक्टरों ने उन्हें 1,25,000 रुपए का इंजैक्शन लगाने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि हिमकेयर कार्ड से हो रहे इलाज के लिए भी डॉक्टरों ने मना कर दिया है तथा कहा कि 1,25,000 रुपए का इंजैक्शन आपको बाहर से ही लेना पड़ेगा। इतनी राशि के लिए कंचन बेहद चिंतित है। कंचन ने बताया कि एक तरफ तो वह पति की बीमारी की तरफ से चिंतित है, वहीं दूसरी तरफ भारी बरसात के कारण कच्चे मकान गिरने का खतरा भी बन गया है। उसने बताया कि उनका परिवार आईआरडीपी में तो है परंतु अभी पंचायत के माध्यम से उन्हें कोई भी इस संबंध पक्के मकान के लिए अभी मदद नहीं मिली है। मंगल सेन (40) आलमपुर में ही पेंटर का काम करते थे। मंगल सेन के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा 11वीं कक्षा व छोटा बेटा 9वीं कक्षा का छात्र है। दोनों बच्चे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला आलमपुर में पढ़ते हैं।
लाल लकीर में जमीन : प्रधान
आलमपुर प्रधान शकुंतला देवी ने बताया कि मंगल सेन की जमीन लाल लकीर में पड़ती है। जिस कारण इस भूमिहीन परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नहीं जोड़ा जा सकता। प्रधान ने बताया कि मंगल सेन की छठी पीढ़ी इसी जगह में रह रही है। उन्हें भूमि के लिए आवेदन करने के लिए भी कहा है। उन्होंने बताया कि श्रम अधिनियम के तहत भी उन्होंने इस परिवार की मदद करने की कोशिश की है।
मकान का करवा दिया है सर्वे : बीडीओ
बीडीओ लंबागांव सिकंदर सिंह ने बताया कि इस परिवार के मकान का सर्वे करवा दिया गया है। वह अब आने वाले समय में ही इनके मकान को पैसे आएंगे, मकान बना दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि संभवतया पैसे अब नई पंचायत में ही आएंगे।
परिवार की मदद करेंगे : यादविंद्र गोमा
इस बारे मंत्री यादविंद्र गोमा ने बताया कि वह अपनी तरफ से व सरकार की तरफ से इस परिवार की पूरी मदद करेंगे। जर्जर हुए मकान के बारे में मंत्री ने बताया कि प्रशासन को आदेश देंगे तथा जो भी सहायता होगी उसे करेंगे।
क्या कहते हैं एसडीएम
वहीं एसडीएम संजीव ठाकुर ने बताया कि मेरे पास ऐसा कोई भी मामला ध्यान में नहीं है परंतु अगर ऐसा कुछ है तो उसकी छानबीन करके उस परिवार को देखा जाएगा।