Edited By Vijay, Updated: 25 May, 2025 11:43 AM
व्यक्तित्व विकास में शिक्षा का महत्व सर्वविदित है। एक शिक्षित व्यक्ति से ही शिक्षित समाज का निर्माण होता है और शिक्षित समाज राष्ट्र की उन्नति में सहायक होता है।
मंडी (रजनीश): व्यक्तित्व विकास में शिक्षा का महत्व सर्वविदित है। एक शिक्षित व्यक्ति से ही शिक्षित समाज का निर्माण होता है और शिक्षित समाज राष्ट्र की उन्नति में सहायक होता है। प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कई नवोन्मेषी पहल कर रही है, वहीं वंचित वर्गों तक शिक्षा की लौ जलाकर उन्हें मुख्यधारा में लाने के दृष्टिगत अनेकों कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है।
उच्च शिक्षा के लिए मिल रही 1.20 लाख रुपए तक की सहायता
मेहनत-मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करने वाले कामगारों के बच्चों के जीवन में उच्च शिक्षा का उजाला लाने के लिए एक ऐसी ही योजना प्रदेश सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के माध्यम से संचालित की जा रही है। शिक्षा हेतु वित्तीय सहायता योजना के तहत पहली कक्षा से पीएचडी तक की उच्चतर शिक्षा ग्रहण करने के लिए उन्हें 8400 रुपए से लेकर 1.20 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। मंडी जिला में इस योजना के तहत कामगार बोर्ड में पंजीकृत कामगारों के 1254 बच्चों को लगभग 3.41 करोड़ रुपए की वित्तीय मदद प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त लाभार्थी के बच्चों को होस्टल में रहने पर होस्टल सुविधा योजना के तहत प्रतिवर्ष 20 हजार रुपए की वित्तीय मदद दी जाती है।
सहेली से मिली योजना की जानकारी, बेटियों को मिला लाभ
शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता योजना का लाभ लेने वाली सरकाघाट क्षेत्र के गांव योह की निलिमा देवी ने बताया कि उनके पति मनोज कुमार लोगों के घरों में श्रमिक का कार्य तथा पंचायत में मनरेगा की दिहाड़ी लगा परिवार का पालन-पोषण करते हैं। सहेली से कामगार कल्याण बोर्ड की इस योजना बारे पता चला। पति का श्रमिक कार्ड बना है। बेटियों की पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता का फॉर्म भरा, जिस पर कामगार कल्याण बोर्ड द्वारा दोनों बेटियों रितिका को कक्षा छठी और कृतिका को दसवीं कक्षा की पढ़ाई के लिए 16800 रुपए की सहायता राशि प्रदान की गई है। निलिमा ने इसके लिए प्रदेश सरकार व कामगार कल्याण बोर्ड का धन्यवाद किया है।
कॉलेज में पढ़ रहे रोहित काे मिली 72 हजार रुपए की राशि
एक अन्य लाभार्थी जोगिंद्रनगर के दारट गांव के रोहित का कहना है कि वह राजीव गांधी मैमोरियल महाविद्यालय जोगिंद्रनगर में पढाई कर रहे हैं। उनकी माता दिहाड़ीदार हैं। उन्होंने मनरेगा में 100 दिन पूरे किए हैं तथा कामगार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत हैं। बोर्ड द्वारा पढ़ाई के लिए 72 हजार रुपए की राशि मिली है, जिसके लिए उन्होंने सरकार व मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया है।

वित्तीय मदद का ब्यौरा
कामगार कल्याण बोर्ड द्वारा पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को प्रथम से आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई के लिए 8400 रुपए, 9वीं से 12वीं तक 12 हजार रुपए, कॉलेज तक की शिक्षा के लिए 36 हजार रुपए, पॉलिटैक्निक डिप्लोमा करने के लिए 48 हजार रुपए, बीटैक, एमटैक, एमबीबीएस आदि के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए वार्षिक शिक्षण सहायता प्रदान की जाती है।
ये है पात्रता
ऐसे कामगार जो भवन निर्माण, सड़क, पुल, बिजली उत्पादन व वितरण, जल निकासी, बांध, सुरंग, संचार लाइन इत्यादि कार्यों से जुड़े हों अथवा जिनका कार्य कारखाना अधिनियम 1948 या खान अधिनियम 1952 के अंतर्गत नहीं आता, वे इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र हैं। पंजीकरण के लिए कामगार की आयु 18 से 60 वर्ष होनी चाहिए तथा पिछले 12 माह में कम से कम 90 दिन कार्य किया हो।
पंजीकरण के लिए साथ लगाएं ये आवश्यक दस्तावेज
पंजीकरण के लिए कामगार को आधार कार्ड, बैंक पासबुक, राशन कार्ड/परिवार रजिस्टर की प्रति, दो पासपोर्ट साइज फोटो तथा आयु प्रमाण के लिए जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसैंस, जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रार द्वारा जारी प्रमाण पत्र अथवा निर्वाचन मतदाता कार्ड में से किसी एक की सत्यापित प्रति प्रस्तुत करनी होगी। कामगार ऑनलाइन माध्यम से भी बोर्ड की आधिकारिक वैबसाइट https://bocw.hp.nic.in पर अपना पंजीकरण या नवीनीकरण कर सकता है।
पात्रों को मिल रहा त्वरित लाभ : डीसी
डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने कहा कि प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए संबंधित विभागों को समयबद्ध कार्य के निर्देश दिए गए हैं। जिला में कामगारों के कल्याण के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं का त्वरित लाभ सुनिश्चित किया जा रहा है।
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