सरकार ने जारी की अधिसूचना: 3 माह में खत्म करना होगा थर्मोकोल

Edited By Ekta, Updated: 08 Jul, 2018 11:28 AM

government notification issued thermocol must end in 3 month

प्रदेश में पॉलीथीन के बाद अब थर्मोकोल के इस्तेमाल पर भी पूरी तरह से पाबंदी लग गई है। सरकार ने इसे लेकर अधिसूचना जारी कर सभी कारोबारियों को 3 माह के भीतर थर्मोकोल का स्टाक खत्म करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद कोई भी थोक या परचून कारोबारी थर्मोकोल...

शिमला (हेटा): प्रदेश में पॉलीथीन के बाद अब थर्मोकोल के इस्तेमाल पर भी पूरी तरह से पाबंदी लग गई है। सरकार ने इसे लेकर अधिसूचना जारी कर सभी कारोबारियों को 3 माह के भीतर थर्मोकोल का स्टाक खत्म करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद कोई भी थोक या परचून कारोबारी थर्मोकोल से बने उत्पाद नहीं बेच पाएंगे। यदि किसी कारोबारी या आम लोगों के पास थर्मोकोल मिलता है तो उस पर 500 से 25 हजार रुपए तक का जुर्माना किया जाएगा। यही नहीं पहाड़ों व खुले में थर्मोकोल फैंकने पर भी जुर्माना किया जाएगा। जाहिर है कि अब कोई भी व्यक्ति शादी समारोह, धार्मिक आयोजनों व अन्य किसी भी प्रकार के कार्यक्रमों के दौरान इनका प्रयोग नहीं कर पाएगा। 


हिमाचल प्रदेश नॉन बायोडिग्रेडेबल एक्ट के प्रावधानों के तहत सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के मकसद से थर्मोकोल के कप, प्लेट, गिलास व अन्य सामान के उपयोग पर रोक लगाई है। मुख्यमंत्री ने पिछली 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर थर्मोकोल के प्रयोग पर प्रतिबंध का ऐलान किया था। इसके बाद राज्य मंत्रिमंडल ने भी इसे मंजूरी दी। अब सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। उल्लेखनीय है कि पॉलीथीन, प्लास्टिक और थर्मोकोल के कारण पर्यावरण को बहुत ज्यादा खतरा पैदा हो चुका है। पर्यावरण के अलावा यह इंसानी जिंदगी के लिए भी घातक साबित हो रहा है। इस कारण कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां लोगों में पनप रही है।


थर्मोकोल के साथ पकड़े तो भरना होगा जुर्माना?
100 से 500 ग्राम तक का थर्मोकोल पकड़े जाने पर 500 रुपए, 500 ग्राम से अधिक व एक किलो से कम थर्मोकोल पकड़े जाने पर 1500 रुपए, एक किलो से ज्यादा पर 3000 रुपए, 10 किलो तक थर्मोकोल पकड़े जाने पर 20 हजार रुपए तथा 20 किलो से ज्यादा थर्मोकोल पकड़े जाने की सूरत में 25 हजार रुपए जुर्माना देना होगा।


पर्यावरण बचाने को हिमाचल ने कब-कब क्या किया?
>  हिमाचल सरकार ने 1 जनवरी 1999 को रंगीन पॉलीथीन के बैग व थैलों पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया।
>  14 जून 2004 को 70 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पॉलीथीन के थैलों पर रोक लगाने वाला देश का पहला राज्य बना। इसके लिए हिमाचल को 2011 में प्राइम मिनिस्टर अवार्ड से नवाजा गया।
>  2 अक्तूबर 2009 को गांधी जयंती के अवसर पर प्लास्टिक के थैलों के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाया। 
>  जुलाई 2013 में पॉलीथीन में पैकेट-कुरकुरे, चिप्स, नमकीन जैसे 21 खाद्य पदार्थों की बिक्री पर भी रोक लगाई। इसका कारोबारियों ने विरोध किया। अब यह मामला देश की शीर्ष अदालत में विचाराधीन है।
>  इसी साल 18 जून को सरकार ने सरकारी दफ्तरों में पीने के पानी की प्लास्टिक बोतलों के इस्तेमाल पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया। इन आदेशों के तहत किसी भी विभाग, बोर्ड, निगम, सरकारी शिक्षण संस्थानों के दफ्तरों व इनके कार्यक्रमों में प्लास्टिक बोतलें इस्तेमाल नहीं होगी।

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