Una: गगरेट के कलोह में निजी अस्पताल व मैडीकल स्टोर पर छापेमारी

Edited By Kuldeep, Updated: 19 Feb, 2025 06:48 PM

gagret hospital medical store raid

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उपमंडल गगरेट के कलोह में स्थित एक निजी अस्पताल व मैडीकल स्टोर पर छापेमारी की, इस दौरान उक्त अस्पताल में अनियमितताएं पाई गई हैं। विभाग की इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया।

गगरेट (बृज): स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उपमंडल गगरेट के कलोह में स्थित एक निजी अस्पताल व मैडीकल स्टोर पर छापेमारी की, इस दौरान उक्त अस्पताल में अनियमितताएं पाई गई हैं। विभाग की इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया। बुधवार को जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. संजीव वर्मा पर आधारित एक टीम में डा. सुखदीप सिद्धू, ड्रग इंस्पैक्टर रजत शर्मा, बीएमओ डा. पंकज पाराशर, डा. शिवा लखनपाल व रेनू मनकोटिया ने कलोह में गणपति अस्पताल में दबिश दी। स्वास्थ्य विभाग को लगातार उक्त अस्पताल को लेकर शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने उक्त कार्रवाई की है।

इस टीम ने पाया कि उक्त निजी अस्पताल व मैडीकल स्टोर में बड़े पैमाने पर पड़ोसी राज्य पंजाब से दवाइयां खरीदी गई हैं और इनमें कई दवाए ऐसी भी पाई गई हैं जिनकी बिक्री का रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। विभाग की जांच में उक्त अस्पताल में टीबी और एचआईवी संक्रमित मरीजों की जांच के लिए उपयोग होने वाली किटें भी पाई गई हैं, जिनका रिकॉर्ड भी नहीं रखा है। स्वास्थ्य विभाग को शिकायत मिली थी कि उक्त अस्पताल का लाइसैंस एक महिला चिकित्सक के नाम पर है, जोकि बीएएमएस है, जबकि वहां पर इलाज कोई और करता है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब उक्त अस्पताल की महिला डाक्टर से विभिन्न दवाओं के नाम और किन बीमारियों में उनका उपयोग होता है, यह पूछा तो वह उसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई।

अस्पताल में प्रयोगशाला के साथ-साथ मैडीकल स्टोर का भी संचालन किया जा रहा है और बड़े स्तर पर दवाओं की खरीद की गई है। इन दवाओं को किन मरीजों को दिया गया है, अस्पताल व मैडीकल स्टोर में इसका कोई रिकॉड नहीं है। जांच के दौरान कई ऐसी दवाएं भी पाई गई हैं, जोकि प्रतिबंधित श्रेणी में आती हैं और उनका रिकॉर्ड एच 1 रजिस्टर में रखना अनिवार्य है। सूत्रों की मानें तो उक्त मैडीकल स्टोर को इससे पहले भी सील किया जा चुका है, परन्तु वह दोबारा कैसे खोला गया इस पर भी सवाल उठ रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि इस अस्पताल और मैडीकल स्टोर को अन्य लोगों के नाम पर लाइसैंस बनाकर एक 12वीं पास व्यक्ति लोगों का इलाज कर रहा है। अस्पताल में 6-7 लोगों का स्टाफ भी है।

मौके पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम को पहले तो अंदर ही नहीं जाने दिया गया परन्तु जब सीएमओ डा. संजीव वर्मा ने सख्ती से पूछताछ की तो अस्पताल प्रबंधन को जवाब देते नहीं बना। स्वास्थ्य विभाग ने उक्त अस्पताल को नोटिस जारी कर विभिन्न विषयों पर अपना पक्ष रखने के अलावा बेची गईं दवाओं का रिकॉर्ड उपलब्ध करवाने के लिए 2 दिन का समय दिया है। विभाग द्वारा उक्त मामले की रिपोर्ट आगामी कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी। सीएमओ डा. संजीव वर्मा का कहना है कि विभाग को उक्त अस्पताल को लेकर शिकायत मिली थीं, जिसके बाद यहां दबिश दी गई है। कई अनियमितताएं पाई गई हैं, जिन्हें लेकर अस्पताल प्रबंधन से जवाब मांगा गया है। इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।

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