Edited By Vijay, Updated: 03 Jul, 2025 04:23 PM

पूर्व विधायक प्रवीण कुमार ने नगर निगम पालमपुर की सफाई व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जिस प्रकार निगम द्वारा कूड़ा-कचरा एकत्रीकरण का कार्य एक दिन छोड़कर नियमित रूप से किया जा रहा है, वह सराहनीय प्रयास है, लेकिन झाड़ू लगाने व नालियों की सफाई...
पालमपुर: पूर्व विधायक प्रवीण कुमार ने नगर निगम पालमपुर की सफाई व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जिस प्रकार निगम द्वारा कूड़ा-कचरा एकत्रीकरण का कार्य एक दिन छोड़कर नियमित रूप से किया जा रहा है, वह सराहनीय प्रयास है, लेकिन झाड़ू लगाने व नालियों की सफाई व्यवस्था पूर्णतया लचर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि झाड़ू हफ्ते में एक बार लग रही है, जबकि नालियों की साफ-सफाई का तो कोई अता-पता ही नहीं है, ऐसे में बरसात के मौसम में नालियों का पानी सड़कों और रास्तों पर आकर न केवल गंदगी फैला रहा है, बल्कि मार्ग को भी नुक्सान पहुंचा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजैक्ट है 'स्वच्छ भारत मिशन'
प्रवीण कुमार ने यह प्रतिक्रिया उस समय दी जब नगर निगम द्वारा उन्हें अवगत कराया गया कि पालमपुर क्षेत्र से प्राप्त कुल 169 शिकायतों में से 166 का निस्तारण कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन, जोकि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजैक्ट है, के अंतर्गत पालमपुर नगर निगम एक प्रतिष्ठित गैर-सरकारी संस्था (एनजीओ) की मदद से जियो टैगिंग प्रणाली के तहत घर-घर कूड़ा एकत्रीकरण अभियान को सफलतापूर्वक चला रहा है। इसके तहत हर घर के दरवाजे पर जियो टैग स्कैनर चिपकाया गया है, जिससे कूड़ा न उठाने की स्थिति में ऑनलाइन शिकायत दर्ज की जा सकती है और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित होती है।
सफाई कर्मचारियों की वार्ड वाइज सूची सार्वजनिक करे नगर निगम
प्रवीण कुमार ने नगर निगम आयुक्त से आग्रह किया कि जिस प्रकार कूड़ा एकत्रीकरण को जियो टैग सिस्टम से जोड़ा गया है, उसी तर्ज पर झाड़ू लगाने और नालियों की सफाई व्यवस्था को भी पारदर्शी और जिम्मेदार बनाया जाए। उन्होंने मांग की कि सफाई कर्मचारियों की वार्ड वाइज सूची सार्वजनिक की जाए, जिसमें यह स्पष्ट हो कि किस वार्ड में कितने दिन बाद झाड़ू लगाई जा रही है और नालियों की सफाई की क्या योजना है।
अधिकांश सुलभ शौचालयों में लटके हुए हैं ताले
प्रवीण कुमार ने नगर निगम द्वारा बनाए गए सुलभ शौचालयों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि निगम ने लाखों रुपए खर्च कर प्रत्येक वार्ड में शौचालयों का निर्माण करवाया, लेकिन अधिकांश में ताले लटके हुए हैं और वे आमजन के उपयोग में नहीं आ पा रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि इससे बेहतर होगा कि नगर निगम प्रत्येक वार्ड में सफाई कर्मचारियों की सूची, उनके नाम और सुपरवाइजर के मोबाइल नंबर के साथ एक बोर्ड लगवाए ताकि नागरिक सीधे संपर्क कर सकें और समस्याओं का शीघ्र समाधान हो सके।
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