Edited By Vijay, Updated: 07 Aug, 2025 05:25 PM

पालमपुर सिविल अस्पताल में बिना इंतजाम के 6 विशेषज्ञ डॉक्टरों को उच्च शिक्षा पर भेजने के आदेश जारी हाेने पर पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने गहरी नाराजगी जताई है।
पालमपुर: पालमपुर सिविल अस्पताल में बिना इंतजाम के 6 विशेषज्ञ डॉक्टरों को उच्च शिक्षा के लिए भेजने के आदेश जारी हाेने पर पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने गहरी नाराजगी जताई है। पूर्व विधायक ने कहा कि डॉक्टरों के उच्च अध्ययन पर जाने के निर्णय पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि यह उनके भविष्य के लिए जरूरी और सकारात्मक कदम है, लेकिन उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की नहीं थी कि इतने बड़े अस्पताल में वैकल्पिक चिकित्सकीय व्यवस्था पहले सुनिश्चित की जाती?
प्रवीन कुमार ने कहा कि पालमपुर सिविल अस्पताल की ओपीडी धर्मशाला के जाेनल अस्पताल से भी अधिक है। यहां प्रतिदिन सैंकड़ों मरीज इलाज के लिए आते हैं, जिनमें गर्भवती महिलाएं, नवजात शिशुओं की माताएं, हड्डी और चमड़ी रोगों से पीड़ित लोग और गंभीर दुर्घटनाओं के शिकार मरीज शामिल हैं। ऐसे में एक ही समय में महिला रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, चमड़ी रोग विशेषज्ञ और एनेस्थीसिया विशेषज्ञों के जाने से अस्पताल की व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होकर रह गई है।
प्रवीन कुमार ने कहा कि जब वे विधायक थे, तब एक बार सिविल अस्पताल पालमपुर के प्रसिद्ध डॉक्टर जय देश राणा का स्थानांतरण कर दिया गया था। जब इस निर्णय के खिलाफ स्थानीय जनता ने आवाज उठाई तो तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने मौके पर ही विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई और आदेश को रद्द कर दिया था।
प्रवीन कुमार ने कहा कि इसी तरह आज भी स्वास्थ्य मंत्री, प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) और निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं को मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए न केवल डॉक्टरों की शिक्षा की चिंता करनी चाहिए थी, बल्कि उन मरीजों के दर्द को भी समझना चाहिए जो रोज इस अस्पताल पर निर्भर हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों के जाने से मरीजों को अब निजी अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ रहा है, जो आर्थिक रूप से हर किसी के लिए संभव नहीं है। पूर्व विधायक ने अपील की कि सरकार को तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था कर इस संकट से उबारने के लिए कदम उठाने चाहिए, ताकि जनता को राहत मिल सके और अस्पताल की कार्यप्रणाली सुचारु रूप से जारी रह सके।