Edited By Vijay, Updated: 03 Aug, 2025 02:45 PM

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित पौंग बांध का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और अब यह खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है। बीते 24 घंटों में बांध में पानी के स्तर में 5 फुट की बढ़ाैतरी दर्ज की गई है।
कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित पौंग बांध का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और अब यह खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है। बीते 24 घंटों में बांध में पानी के स्तर में 5 फुट की बढ़ाैतरी दर्ज की गई है। शनिवार को बांध का जलस्तर 1361.07 फुट था, जो अब रविवार सुबह तक बढ़कर 1365.26 फुट पर पहुंच गया है। विशेषज्ञों के अनुसार यदि यही रफ्तार अगले दो दिनों तक बनी रही तो बांध के फ्लड गेट खोलने की नौबत आ सकती है।
बांध की स्थिति को देखते हुए प्रबंधन ने हिमाचल के कांगड़ा और पंजाब के होशियारपुर ज़िले के साथ-साथ ब्यास नदी के किनारे बसे गांवों को अलर्ट पर रखा है। बांध अधिकारियों ने दोनों राज्यों के जिलाधीशों, स्वास्थ्य विभागों और अन्य संबंधित एजेंसियों को एडवाइजरी जारी कर दी है, ताकि संभावित खतरे से पहले ज़रूरी इंतजाम किए जा सकें और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके।
वर्तमान में पौंग बांध में 125099 क्यूसिक पानी पहुंच रहा है। इसके मुकाबले केवल 16500 क्यूसिक पानी महाराणा प्रताप सागर झील की 6 टरबाइनों के जरिए ब्यास नदी और शाह नहर में छोड़ा जा रहा है। पौंग बांध की कुल भरण क्षमता लगभग 1410 फुट तक मानी जाती है, जबकि इसकी अधिकतम सीमा 1420 फुट है। आमतौर पर जब जलस्तर 1380 फुट के करीब पहुंचता है तो बांध के फ्लड गेट खोलने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, ताकि अतिरिक्त पानी को बाहर निकाला जा सके और दबाव को कम किया जा सके।
बांध में स्थापित 6 टरबाइनों में से हर एक 210 मैगावाट बिजली का उत्पादन करने में सक्षम है। फिलहाल सभी टरबाइनों के जारिए पानी छोड़ा जा रहा है, लेकिन जल की आमद इतनी अधिक है कि यह उपाय भी जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त नहीं हो पा रहा।
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में हिमाचल प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना जताई है। अगर बारिश का यही सिलसिला जारी रहा तो बांध में पानी का दबाव और बढ़ेगा और फ्लड गेट खोलना प्रशासन की मजबूरी बन सकता है।