Edited By Vijay, Updated: 27 Nov, 2025 07:53 PM

हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रबंधन एक्ट लगा हुआ है। राज्य में एक्ट के हटने के बाद ही पंचायती राज संस्थाओं व शहरी निकायों के चुनाव होंगे।
तपोवन (धर्मशाला)(भूपिन्द्र): हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रबंधन एक्ट लगा हुआ है। राज्य में एक्ट के हटने के बाद ही पंचायती राज संस्थाओं व शहरी निकायों के चुनाव होंगे। आज के बाद राज्य चुनाव आयोग पर भी आपदा प्रबंधन कानून लागू होगा। आपदा प्रबंधन एक्ट लागू होने के कारण चुनाव में थोड़ी देर को रोक लगाई गई है, इसे स्थगित नहीं किया है। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वीरवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान 2 दिनों से विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव पर जारी चर्चा का उत्तर देते हुए कही। इस बीच विपक्ष के सदन से बाहर जाने के बीच स्थगन प्रस्ताव ध्वनिमत से अस्वीकार किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने जून महीने में नई पंचायतों के गठन की प्रक्रिया शुरू की थी। इसी के मद्देनजर उपायुक्तों को निर्देश भी दिए गए, लेकिन इसके बाद प्राकृतिक आपदा के चलते सरकार को आपदा प्रबंधन कानून लागू करना पड़ा। सड़कों की हालत खराब होने की वजह से सेब को मंडियों तक पहुंचाना मुश्किल हो गया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि आपदा प्रबंधन लागू होने की वजह से चुनाव में थोड़ी देर को रोक लगाई गई है, लेकिन इसे स्थगित नहीं किया गया है। राज्य में जब तक डिजास्टर एक्ट लागू रहेगा, चुनाव आयोग की शक्तियां कम अवश्य होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 11 दिसम्बर को सरकार के 3 साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में सरकार आपदा प्रभावितों को घरेलू सामान खरीदने के लिए एक-एक लाख रुपए की राशि का आबंटन करेगी।
भाजपा सरकार ने टाले नगर निगम शिमला के चुनाव
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर द्वारा उठाए गए मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला नगर निगम के चुनाव भाजपा सरकार के वक्त टाले गए। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं का विधानसभा चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ने वाला, लेकिन जयराम सरकार ने नगर निगम चुनाव को सिर्फ इसलिए टाला, क्योंकि उसी साल विधानसभा चुनाव होने थे।
हम सेवा के लिए आए हैं और मैं आज की सोच कर चलता हूं
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जनता की सेवा के लिए आए हैं और मैं सिर्फ आज के बारे में सोच कर चलता हूं। मैं जीवन में जिस भी पद पर रहा, वहां लंबे समय तक काम किया है। उन्होंने कहा कि संविधान के मुताबिक स्थानीय निकाय व पंचायती राज संस्थाओं की अवधि खत्म होने के 6 माह के भीतर चुनाव करवाए जाने का प्रावधान है। लिहाजा सरकार नियमों के तहत ही चुनाव करवाएगी। उन्होंने तंज कसा कि विपक्ष के नेता तनाव में हैं।
राज्य में बननी हैं नई पंचायतें
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, असम व राजस्थान आदि राज्यों में पंचायत चुनावों में 3 से 5 वर्ष तक देरी हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य में नई पंचायतें बननी हैं। कुछ पंचायतों में 9-9 व 5-5 हजार की जनसंख्या है।
सरदार पटेल विश्वविद्यालय को एचपीयू में मर्ज करने पर करें विचार
मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष से कहा कि सरदार पटेल विश्वविद्यालय का क्या हाल हो रहा है। इसका सभी को पता है। नेता प्रतिपक्ष इसे हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के साथ मर्ज करने पर विचार करें।
मैं आपकी सरकार को दुआ नहीं दे सकता : जयराम
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मैं सदन में विपक्ष का नेता हूं। मैं आपकी सरकार को दुआ नहीं दे सकता और आपको बददुआ भी नहीं दे सकता, लेकिन यह कैसे कह दूं कि 2 साल बाद प्रदेश में आपकी सरकार आएगी। जयराम ठाकुर सदन में स्थगन प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान नोक-झोंक पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सदन में मैंने कभी भी फैसले रद्द करने की बात नहीं कही है, फैसलों की समीक्षा करने की बात अवश्य कही थी। असत्य बोलना सरकार की आदत बन गई है। जयराम ठाकुर ने कहा कि शिमला नगर निगम के चुनाव टालने को लेकर सरकार सदन में गलत जानकारी दे रही है। कोर्ट के निर्देशों के बाद नगर निगम में परिसीमन कार्य को लेकर विलंब हुआ। सरकार ने व्यक्तिगत तौर पर इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट पहुंची कांग्रेस पार्षद से याचिका वापस लेने का भी आग्रह किया था, मगर याचिका वापस नहीं ली गई। लिहाजा अदालत के निर्देशों के बाद सरकार ने नगर निगम में प्रशासक की नियुक्ति की। इसके कुछ वक्त बाद ही विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू हो गई। नतीजतन 2022 में शिमला नगर निगम चुनाव में देरी हुई।
ओपीएस को लेकर कुछ नहीं कहा
जयराम ठाकुर ने कहा कि सदन में ओपीएस को लेकर उन्होंने कभी भी कुछ नहीं कहा, मगर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इस बारे गलत जानकारी परोसी जा रही है। ओपीएस को लेकर परोसी जा रही इस गलत जानकारी पर जयराम ठाकुर ने सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि सरकार बार-बार डिजास्टर की बात कह रही है मगर वास्तव में डिजास्टर के तहत प्रदेश में कोई काम नहीं हो रहा है।
पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों पर खर्च होंगे 100 करोड़ रुपए : अनिरुद्ध
पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा है कि हिमाचल में पंचायती राज चुनावों पर 100 करोड़ रुपए खर्च होंगे। चुनावों को करवाने के लिए 45 हजार अधिकारी व कर्मचारियों तथा 10 हजार से ज्यादा पुलिस और होमगार्ड जवानों की भी जरूरत पड़ती है। उन्होंने कहा कि अभी राज्य में डिजास्टर एक्ट लगा हुआ है और अधिकारी व कर्मचारी आपदा राहत के कार्य में व्यस्त हैं। वे पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों को लेकर विपक्ष द्वारा लाए गए काम रोको प्रस्ताव पर हो रही चर्चा के जवाब में बोल रहे थे। अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि पंचायत चुनाव समय पर नहीं होने को लेकर वह साफ करना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री ने कभी यह नहीं कहा कि चुनाव नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव उचित समय पर होंगे।