Edited By Jyoti M, Updated: 04 Jan, 2025 02:55 PM
पंजाब बायोटेक्नोलॉजी इनक्यूबेटर की ओर से स्कूलों में तैयार होने वाले खाने के सैंपल जांचे गए। विद्यार्थियों को परोसे जाने वाले मिड-डे-मील की जांच में कई खामियां सामने आई हैं। जानकारी के अनुसार, सितंबर 2024 में केंद्र सरकार के निर्देश अनुसार पंजाब...
हिमाचल डेस्क। पंजाब बायोटेक्नोलॉजी इनक्यूबेटर की ओर से स्कूलों में तैयार होने वाले खाने के सैंपल जांचे गए। विद्यार्थियों को परोसे जाने वाले मिड-डे-मील की जांच में कई खामियां सामने आई हैं। जानकारी के अनुसार, सितंबर 2024 में केंद्र सरकार के निर्देश अनुसार पंजाब बायोटेक्नोलॉजी इनक्यूबेटर मोहाली की टीम ने ऊना के 10 स्कूलों में जाकर मिड-डे-मील के सैंपल लिए।
सैंपल की जांच रिपोर्ट हाल ही में सामने आई है। इसमें कहा गया है कि भोजन में ई कोली बैक्टीरिया है, जो बच्चों की सेहत पर बुरा असर करता है। इससे बच्चों का पेट खराब होने से लेकर आंत को नुकसान तक पहुंच सकता है।
जांच रिपोर्ट आने के बाद शिक्षा विभाग ने सभी स्कूल प्रबंधकों को खाना बनाते समय स्वच्छता मानकों का ख्याल रखने की हिदायत दी है। स्कूल प्रबंधक पेयजल की नियमित समय अंतराल के बाद क्लोरीनेशन करवाते रहें। खाना बनाने वाले स्थान, इस्तेमाल होने वाले बर्तनों और जहां बच्चों को भोजन खिलाया जाता है, उस स्थान की प्रतिदिन सफाई करवाई जाए। इसके अलावा खाना बनाने से पहले हाथों को साबुन से धोया जाए। बर्तन धोने के बाद व भोजन वितरित करते समय भी हाथों की साफ सफाई रखी जाए।
ई कोली बैक्टीरिया क्या होता है?
ई कोली बैक्टीरिया कुछ मामलों में जहरीला पदार्थ बनाता है, जो पेट और आंतों को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे बच्चों को पेट में दर्द, उल्टी और दस्त हो सकते हैं, जो कभी-कभी खून के साथ भी होते हैं। यह संक्रमण आमतौर पर बैक्टीरिया के संपर्क में आने के 3 से 4 दिन बाद शुरू होता है और एक हफ्ते के अंदर ठीक हो जाता है।
सोमलाल धीमान, उपनिदेशक, जिला प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने कहा कि सभी स्कूलों को मिड डे मील तैयार करते समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने की हिदायत दी गई है। इसे लेकर शिक्षा विभाग की टीमें निरीक्षण में भी जुटी हैं। कुछ स्कूलों के सैंपल में ई कोली बैक्टीरिया होने की बात सामने आई है।