Edited By Vijay, Updated: 13 Dec, 2024 06:22 PM
सृष्टि के रचयिता एवं 3 लोकों के पालनहार देव श्रीबड़ा छमाहूं नए देव रथ में विराजमान हुए हैं, साथ ही महाशक्ति माता तोतला भी नए रथ में विराजमान हुई हैं।
बंजार (लक्ष्मण): सृष्टि के रचयिता एवं 3 लोकों के पालनहार देव श्रीबड़ा छमाहूं नए देव रथ में विराजमान हुए हैं, साथ ही महाशक्ति माता तोतला भी नए रथ में विराजमान हुई हैं। देवता के मूल स्थान सराज घाटी के दलयाड़ा मंदिर में 2 माह से देवता व देवी का घाट पड़ा हुआ था। गुरुवार को देवता का यह कार्य पूरा हुआ और देर रात देवता व देवी के रथ को सजाकर संपूर्ण किया गया। देवता के दर्शन के लिए यहां हजारों लोग पहुंचे हैं और करीब 60 देऊलों से देवलू देवता के लिए भेंट लेकर पहुंचे हैं। नियमानुसार रूपी के राजा महेश्वर सिंह व अठारह करडू एवं भगवान रघुनाथ जी के कारदार दानवेंद्र सिंह देऊली के लिए यहां पहुंचे हैं।
शुक्रवार को यहां भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। अपने बड़े भाई के दर्शन के लिए पल्दी के छमाहूं व खणी छमाहूं गुरुवार को ही यहां पहुंच गए हैं, जबकि धामणी छमाहूं व पराशर ऋषि के अलावा खोडू -खरीडु पहले से यहां विराजमान हैं। बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी भी यहां देव दर्शन के लिए पहुंचे हैं। शनिवार सुबह यहां देवता को गाड़ूआ लगेगा और उसके बाद सभी देवी-देवता मंदिर से बाहर निकलकर महामिलन करेंगे। उसके बाद देवता यहां से अपने हारियान के लिए रवाना होंगे। जैसे ही देवता यहां से रवाना होंगे तो हर गांव में बंदूकों से हवाई फायर के साथ देवता का जग शुरू होगा। सबसे पहले गांव डोगर को देवता के दर्शन जैसे ही होंगे, वहां जग शुरू होगा।
देवता रास्ते से जाएंगे और जिस भी गांव को देवता नजर आएंगे तो वहीं देवता का जग शुरू होगा। इस तरह सबसे पहले देवता फगवाना गांव में प्रवेश करेंगे, उसके बाद नाउली में फिर से गाडुआ लगेगा और वहां से देवता कोटला के लिए रवाना होंगे। कोटला से धाराखरी, धामण, लारजी, हुरला, शैलउड़ी दलयाड़ा, पढ़ारनी, डोगर व लौल आदि स्थानों पर पहुंचेंगे। देवता के कारदार मोहन सिंह ने बताया कि इस तरह करीब पूरे महीने तक हर गांव में देवता की परिक्रमा होगी और जग का आयोजन होता रहेगा।
देव श्रीबड़ा छमाहूं सृष्टि के रचयिता है और ब्रह्म, विष्णु, महेश, आदी, शक्ति व शेष भगवान एक ही रथ में विराजमान हैं। सृष्टि की 6 शक्तियां एक ही रथ में विराजमान होने से ही छमाहूं संपूर्ण होते हैं। भगवान विष्णु ने सृष्टि की रचना के लिए अपने में भगवान शिव, ब्रह्मा, शक्ति, आदी व भगवान शेषनाग को समाहित कर छमाहूं का रूप धारण कर सृष्टि की रचना की थी। देवों की 6 सामूहिक शक्तियों से ही सृष्टि की रचना संभव हुई थी।
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