Edited By Vijay, Updated: 29 Mar, 2025 06:51 PM

मंडी जिला में 2 अलग-अलग मामलों में नशीले पदार्थों के साथ पकड़े गए 2 आरोपियों को अपराध सिद्ध होने पर अदालत द्वारा कठोर सजा सुनाई गई है।
मंडी (रजनीश): मंडी जिला में 2 अलग-अलग मामलों में नशीले पदार्थों के साथ पकड़े गए 2 आरोपियों को अपराध सिद्ध होने पर अदालत द्वारा कठोर सजा सुनाई गई है। जानकारी के अनुसार पहले मामले में विशेष न्यायाधीश-1 मंडी की अदालत ने आरोपी प्रेम सिंह पुत्र बली राम निवासी ग्रामण, डाकघर थलटूखोड़, तहसील पधर व जिला मंडी को चरस और अफीम रखने का अपराध सिद्ध होने पर 12 वर्ष के कठोर कारावास के साथ 1,20,000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर दोषी को 14 महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।
जिला न्यायवादी मंडी एवं विशेष लोक अभियोजक विनोद भारद्वाज ने बताया कि 5 अक्तूबर, 2023 को पुलिस थाना पधर की एक टीम नियमित गश्त और नाकाबंदी के दौरान लचकंडी सड़क के पास प्रेम सिंह को 2.54 किलोग्राम चरस और 776 ग्राम अफीम के साथ गिरफ्तार किया था। इस मामले में अन्वेषण पूरा होने पर थाना अधिकारी ने मामले के चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन पक्ष ने मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय के समक्ष 17 गवाह पेश किए, जिनकी गवाही को सही मानते हुए और दोनों पक्षों के तर्क-वितर्क को सुनने के पश्चात न्यायालय ने इस मामले में उक्त दोषी को नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत उक्त सजा सुनाई है।
दूसरे मामले में विशेष न्यायाधीश (फैमिली कोर्ट) मंडी अदालत ने आरोपी लाल सिंह पुत्र झापट राम निवासी गांव पाटन, डाकघर कथोग, तहसील पधर व जिला मंडी को चरस रखने का अपराध सिद्ध होने पर 3 वर्ष 1 महीने के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। जिला न्यायवादी मंडी एवं विशेष लोक अभियोजक जितेंद्र गोस्वामी कार्यरत जिला न्यायवादी मंडलीय आयुक्त मंडी अतिरिक्त प्रभार लोक अभियोजक फैमिली कोर्ट मंडी के अनुसार 15 सितम्बर, 2022 को पुलिस थाना सदर की एक पुलिस टीम सामान्य गश्त और नाकाबंदी के दौरान लंबड़ी पुल बिजनी के पास पधर से मंडी की तरफ आ रही कार में सवार लाल सिंह से 160 ग्राम चरस बरामद की थी।
इस मामले में अन्वेषण पूरा होने पर थाना अधिकारी ने मामले का चालान न्यायालय में पेश किया। जिला न्यायवादी मंडी एवं विशेष लोक अभियोजक जितेंद्र गोस्वामी ने बताया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष ने न्यायालय के समक्ष 18 गवाह पेश किए, जिनकी गवाही को सही मानते हुए और दोनों पक्षों के तर्क-वितर्क को सुनने के पश्चात न्यायालय ने इस मामले में उक्त दोषी को नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थ (एनडीपीएस) की धारा 20 के तहत उक्त सजा सुनाई। मुकद्दमे का अन्वेषण मुख्य आरक्षी भानु प्रताप और सहायक उपनिरीक्षक सुमन कुमार ने किया था।
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