Edited By Vijay, Updated: 17 Aug, 2023 11:27 PM

केंद्र सरकार की अंतरिम राहत की पहली किस्त अभी लंबित है। यह बात मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह ने वीरवार को मंडी जिला के सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र में भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के दौरान की।
मंडी (रजनीश): केंद्र सरकार की अंतरिम राहत की पहली किस्त अभी लंबित है। यह बात मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह ने वीरवार को मंडी जिला के सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र में भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के दौरान की। उन्होंने कहा कि ऑडिट आपत्तियों के कारण पिछले कुछ वर्षों से केन्द्र सरकार के पास लंबित 315 करोड़ रुपए की राहत राशि में से केन्द्र ने 189 करोड़ रुपए जारी किए हैं। इसके अतिरिक्त राज्य आपदा राहत निधि (एसडीआरएफ) के तहत राज्य को प्राकृतिक आपदा से हुए नुक्सान की भरपाई के लिए प्रति वर्ष 2 किस्तों में कुल 360 करोड़ की राशि जारी की जाती है। केंद्र सरकार ने इसमें से 180 करोड़ रुपए की पहली किस्त जून माह में तथा दिसम्बर माह में मिलने वाली 180 करोड़ रुपए की दूसरी किस्त राज्य को अग्रिम रूप से जारी कर दी है। इस 360 करोड़ रुपए की राशि पर हिमाचल प्रदेश का हक है, जो सभी राज्यों को प्रदान की जाती है और इसके अलावा केन्द्र की ओर से अलग से कोई वित्तीय सहायता जारी नहीं की गई है।

सीएम ने मतैहड़ी, बलद्वाड़ा तथा जुकैण क्षेत्र में पहुंचकर प्रभावित लोगों से संवाद किया और राज्य सरकार की ओर से उन्हें हरसंभव मदद के प्रति आश्वस्त किया। सीएम ने सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को हुए नुक्सान के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों की मुरम्मत के लिए प्रभावित परिवारों को एक-एक लाख रुपए की राशि प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक आपदा से सीधे प्रभावित ग्राम पंचायत गैहरा के 23 प्रभावित परिवारों से भी संवाद किया और इनमें से प्रत्येक परिवार को एक-एक लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि विपदा की इस घड़ी में प्रदेश सरकार प्रत्येक प्रभावित परिवार को राहत प्रदान करने के लिए कृत संकल्प है। प्रभावित परिवारों को राहत शिविरों में रहने तथा अन्य सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने जिला प्रशासन को शिविरों में सर्वोत्तम सुविधाएं उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए।
सरकाघाट में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बारिश और भूस्खलन के कारण पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। उन्होंने कहा कि आपदा से लगभग 10000 करोड़ रुपए का अनुमानित नुकसान हुआ है। इन कठिन चुनौतियों के बावजूद प्रदेश सरकार उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग करके प्रभावित व्यक्तियों को मुआवजा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। आम लोगों की जरूरतों को प्राथमिकता देने की सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा से प्रभावित परिवारों को उनके घरों के पुनर्निर्माण के लिए बढ़ा हुआ मुआवजा और वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि आपदा के कारण किसानों की फसल को हुई क्षति की भरपाई के लिए राहत नियमावली में संशोधन किया जाएगा।
इस दौरान विधायक चन्द्रशेखर, सुरेश कुमार व दिलीप ठाकुर, पूर्व विधायक कर्नल इंद्र सिंह और रंगीला राम राव, कांगड़ा सहकारी प्राथमिक कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के अध्यक्ष राम चंद्र पठानिया, एपीएमसी मंडी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया, डीसी अरिंदम चौधरी, पुलिस अधीक्षक सौम्या साम्बशिवन, अधिवक्ता विनय कानव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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