Himachal: कुपोषण से लड़ने के लिए सरकार की नई पहल, अब आंगनबाड़ी केंद्रों में इस तरह मिलेगा राशन

Edited By Jyoti M, Updated: 02 May, 2025 12:45 PM

himachal government s new initiative to fight malnutrition

किशोरी, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं तथा बच्चों में कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 'टेक होम राशन' (टीएचआर) योजना के तहत सूखा राशन वितरित किया जाता है। इस योजना का उद्देश्य...

हिमाचल डेस्क।  हिमाचल में किशोरी, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं तथा बच्चों में कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 'टेक होम राशन' (टीएचआर) योजना के तहत सूखा राशन वितरित किया जाता है। इस योजना का उद्देश्य कमजोर वर्ग के परिवारों तक पोषण युक्त आहार पहुंचाना है, ताकि वे स्वस्थ जीवन जी सकें।

हालांकि, पहले इस योजना में कई बार अनियमितताओं की शिकायतें मिलती थीं। ऐसा देखा गया कि कई जरूरतमंद हितग्राहियों तक पोषण आहार नहीं पहुंच पाता था और वितरण प्रणाली में हेराफेरी की आशंका बनी रहती थी। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने एक नई और पारदर्शी व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है।

इस नई व्यवस्था के तहत, पहली जनवरी से आंगनबाड़ी केंद्रों पर फेस वेरिफिकेशन और वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आधारित प्रणाली शुरू की गई है। अब जब कोई किशोरी या महिला अपने या अपने बच्चे के लिए पोषण आहार लेने आंगनबाड़ी केंद्र पर पहुंचेगी, तो उनका बायोमेट्रिक सिस्टम के तहत फेस रीडर से चेहरा स्कैन किया जाएगा। इसके साथ ही, लाभार्थी का जो मोबाइल नंबर आंगनबाड़ी में दर्ज होगा, उस पर एक ओटीपी भेजा जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को यह ओटीपी दिखाने के बाद ही उन्हें टेक होम राशन दिया जाएगा।

टेक होम राशन के तहत पूरक पोषण के तौर पर पोषण आहार का तैयार मिश्रण और अंडे दिए जाते हैं। इन सामग्रियों से कई स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन बनाए जा सकते हैं, जो बच्चों को विशेष रूप से पसंद आते हैं। नई व्यवस्था का मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि पोषण आहार सीधे और बिना किसी बाधा के सही लाभार्थियों तक पहुंचे। फेस वेरिफिकेशन और ओटीपी प्रणाली लागू होने से वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और गलत तरीके से राशन लेने वालों पर लगाम लगेगी।

सरकार का मानना है कि इस नई प्रणाली से कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में और मजबूती मिलेगी। कमजोर वर्ग के परिवारों को अब आसानी से और भरोसेमंद तरीके से पोषण आहार मिल सकेगा, जिससे उनके स्वास्थ्य और विकास में सुधार होगा। यह पहल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी सही लाभार्थियों तक राशन पहुंचाने में मदद करेगी और योजना की विश्वसनीयता को बढ़ाएगी।

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