ओपीएस बहाली पर मुख्यमंत्री ने कहा-इसके लिए हम दोषी नहीं

Edited By Vijay, Updated: 24 Aug, 2022 09:48 PM

chief minister said on ops restoration

यह प्रदेश हम सबका है और यह भाव सभी के मन में होना चाहिए। दोषी न होकर दोष डालने की कोशिश होती है और ऐसा नहीं होना चाहिए। आज बड़ा मसला ओपीएस की बहाली का है। यह मसला हिमाचल में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में बना हुआ है।

2003 में एमओयू साइन किया, 2012 में बात तक नहीं की, अब क्या करेगी कांग्रेस : जयराम
कांग्रेस ने इस विषय को आगे बढ़ाया होता तो हम भी सोचते
कुल्लू (ब्यूरो):
यह प्रदेश हम सबका है और यह भाव सभी के मन में होना चाहिए। दोषी न होकर दोष डालने की कोशिश होती है और ऐसा नहीं होना चाहिए। आज बड़ा मसला ओपीएस की बहाली का है। यह मसला हिमाचल में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में बना हुआ है। अपने और परिवार के बेहतर भविष्य की कल्पना करना कोई अपराध नहीं है। जिस प्रकार से दोषी बनाकर यह कहने की कोशिश हो रही है कि यह हम ही ने नहीं लागू किया, यह ठीक नहीं है। यह शब्द मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कुल्लू के मौहल में बुधवार शाम को कर्मचारियों की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कहे।

उन्होंने कहा कि 2003 में जब इसको लेकर एमओयू प्रदेश में साइन हुआ, तब हमारी सरकार नहीं थी। प्रदेश सरकार ने उस समय एमओयू साइन किया। 2012 में फिर वही मुख्यमंत्री बने, जिन्होंने प्रदेश में एनपीएस को लागू करवाया था तो उस समय भी किसी ने बात नहीं की। 2012 में यदि इस विषय को आगे बढ़ाया होता और आवाज उठाई होती तो वे भी इस बारे में सोचते। आज हम इस मसले पर कोई निर्णय लेने की स्थिति में पहुंचते। फिर भी आज हम इस दिशा में कार्य कर रहे हैं और आपका भला हो, यह हमारी इच्छा है। फिर भी हम आपके लिए प्रयास कर रहे हैं। 

उन्होंने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि जो हिमाचल में भी आज कह रहे हैं कि हम सरकार बनाने के बाद पहली कैबिनेट की बैठक में ओपीएस बहाली का निर्णय लेंगे, लेकिन यह इतना आसान नहीं है। कर्मचारियों ने हमारा साथ दिया और हम आगे भी मिलकर चलते रहें। यदि कोविड का दौर नहीं होता तो परिस्थितियां कुछ और तरह की होतीं।

कैल्कुलेशन में न उलझें कर्मचारी, काम करें
कर्मचारियों के सिलसिले में मैं यह कहना चाहूंगा कि आप कैल्कुलेशन में ज्यादा न उलझिए और काम कीजिए। वैसे कर्मचारियों को पूरी कैल्कुलेशन करनी भी होती है, क्योंकि उनकी आय का जरिया ही यही होता है। कर्मचारियों की जो कुछ अन्य मांगें अभी लंबित भी हैं तो उन्हें पूरा करने का हम रास्ता निकालेंगे। ओपीएस और एनपीएस के मसले को विपक्षी बड़ा हथियार मानकर चल रहे हैं। कर्मचारी उनके लिए इसे हथियार न बनने दें क्योंकि उनके पास और कोई मुद्दा भी नहीं है। जिनके पास पहले अवसर थे, उन्होंने तब यह कार्य नहीं किया, अब क्या करेंगे। 

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