Edited By Vijay, Updated: 21 Nov, 2024 06:29 PM
हिमाचल प्रदेश में माल और सेवा कर (जीएसटी) नियमों में बड़े पैमाने पर संशोधन किए गए हैं, जिसे अब हिमाचल प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) नियम-2024 के नाम से जाना जाएगा।
शिमला (संतोष): हिमाचल प्रदेश में माल और सेवा कर (जीएसटी) नियमों में बड़े पैमाने पर संशोधन किए गए हैं, जिसे अब हिमाचल प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) नियम-2024 के नाम से जाना जाएगा। राज्य कर व आबकारी विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार द्वारा जारी की गई इस नई अधिसूचना के तहत जीएसटी आवेदन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए आधार संख्यांक अधिप्रमाणन को अनिवार्य किया गया है।
संशोधन के प्रमुख बिंदु
आधार अधिप्रमाणन का विकल्प: अब आवेदन करते समय आवेदक को आधार संख्यांक का अधिप्रमाणन करना होगा। यदि आवेदक इस प्रक्रिया का चयन करता है, तो उसे बायोमीट्रिक आधारित आधार अधिप्रमाणन से गुजरना होगा। इसके अलावा, आवेदक का फोटोग्राफ भी लिया जाएगा।
सत्यापन प्रक्रिया: यदि आवेदक एक व्यक्तिगत व्यक्ति नहीं है, तो उसे दस्तावेजों की मूल प्रति के साथ सत्यापन के लिए अधिसूचित सुविधा केंद्रों पर आवेदन अपलोड करना होगा। केवल तब आवेदन को पूरा माना जाएगा, जब प्रक्रिया पूरी होगी।
डेटा विश्लेषण और जोखिम मापदंड: उन व्यक्तियों की पहचान, जिन्होंने आधार संख्यांक का अधिप्रमाणन किया है, डेटा विश्लेषण और जोखिम मापदंडों के आधार पर सामान्य पोर्टल पर की जाएगी। इसके साथ ही, व्यवसाय स्थानों की अस्तित्व जांच भी की जाएगी।
ये बदलाव जीएसटी पंजीकरण प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और निगरानी योग्य बनाने के उद्देश्य से किए गए हैं। अब केवल वास्तविक और सत्यापित व्यवसायों को ही जीएसटी पंजीकरण मिल सकेगा। हिमाचल प्रदेश में इस नई व्यवस्था से व्यवसायों को सुविधा मिलने के साथ-साथ धोखाधड़ी और अवैध पंजीकरण की संभावना भी घटेगी, जिससे राज्य में जीएसटी प्रणाली और भी मजबूत होगी।
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