Mandi: 6 माह बाद देवभूमि पर आने वाले बड़े खतरे को टालने के लिए जरूरी था देव मिलन

Edited By Kuldeep, Updated: 24 Sep, 2025 09:54 PM

bali chowki dev bhoomi danger meeting of gods

देश-दुनिया समेत देवभूमि हिमाचल प्रदेश पर आपदा के बाद आने वाले और बड़े खतरे से बचाव के लिए वर्षों बाद का देव मिलन जरूरी था।

बालीचौकी (फरेंद्र ठाकुर): देश-दुनिया समेत देवभूमि हिमाचल प्रदेश पर आपदा के बाद आने वाले और बड़े खतरे से बचाव के लिए वर्षों बाद का देव मिलन जरूरी था। अगर ऐसा नहीं होता तो यह खतरा देवभूमि हिमाचल को भी अपनी चपेट में ले लेता जिससे काफी ज्यादा नुक्सान हो जाता। यह देववाणी देव मार्कंडेय ऋषि और आदिशक्ति माता अंबिका ने थाची के सताना में देव मिलन करने के बाद की है। देववाणी में गूर ने कहा कि दोनों महाशक्तियों ने 6 माह के बाद आने वाले खतरे पर पहले ही विराम लगाकर कर अपना सूत्र बांध दिया। गूर ने कहा कि यह मिलन कोई नई बात नहीं है, बल्कि ये दोनों का अनंतकाल से भाई और बहन का बंधन है, जिसे देव समाज को आगे भी कायम रखना होगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। देव मार्कंडेय ऋषि के पुजारी रूप लाल शर्मा ने बताया कि देश-दुनिया समेत देवभूमि पर आने वाले संकट को दोनों देवी-देवता ने रोक दिया है।

देव परम्परा, देवनीति और उनके स्थलों से छेड़छाड़ न करने की भी दी सलाह
इसके अलावा देव मार्कंडेय ऋषि और माता अंबिका ने देवलुओं से देव परम्परा, देवनीति और उनके स्थलों से छेड़छाड़ न करने की सलाह भी दी। बुधवार शाम को देव मार्कंडेय ऋषि अपने 450 से 500 देवलुओं के साथ सताना पहुंचे। सर्वप्रथम देवता ने यहां अपने ऐतिहासिक शक्तिपीठ में शीश नवाया और तत्पश्चात माता अंबिका से देव मिलन किया। जिसके हजारों लोग गवाह बने। गौरतलब है कि 5 दिन पहले भी बंजार के छदारा में 5 महाशक्तियों ने देवभूमि पर आने वाले और बड़े संकट को लेकर भविष्यवाणी की थी जिसके बाद उस पर अपना सूत्र बांधकर रोक लगाई।

दोनों देवी-देवता के हारियानों की आंखों से छलके आंसू
30 वर्ष बाद सताना में हुए देव मार्कंडेय ऋषि और आदिशक्ति माता अंबिका के मिलन के पश्चात दोनों हारियानों के आंखों से भी आंसू छलके। उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा और आगे भी अपना आपसी भाईचारा बरकरार रखने के लिए हामी भरी। बता दें कि ऐतिहासिक देव मिलन का उनको वर्षों से इंतजार था, जो आज पूरा हुआ। देवलू लेद राम सूर्यवंशी, चतर सिंह, नीटू और जीवन ने बताया कि दो शक्तियों का यह एक बड़ा मिलन था, जिसका होना देवभूमि के लिए जरूरी था।

देवभूमि के 18 करडू एक, कोई नहीं बड़ा-छोटा : देव समाज
देव समाज से जुड़े लोगों का कहना है कि देवभूमि के 18 करडू (16 करोड़ देवी-देवताओं का समूह) एक है। इनमें कोई बड़ा-छोटा नहीं है और सभी एक समान हैं। उनका कहना है कि वर्तमान में देवी-देवताओं में बड़े और छोटे को लेकर भेदभाव किया जा रहा है। उनके भाईचारे के देव मिलन को भी रोका जा रहा है, जिसे देवता भी बर्दाश्त नहीं कर रहे। इसलिए सभी को देव नियमों के पालन करने की जरूरत है।

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