Mandi: पैगोड़ा शैली में करोड़ों से बना देव खबलाशी नारायण का मंदिर

Edited By Kuldeep, Updated: 09 Dec, 2025 05:58 PM

takoli dev khablashi narayan temple construction

तहसील औट के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत फर्श के गांव खबलाश में सोमवार को देव खबलाशी नारायण के करोड़ों से बने नवनिर्मित मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा शाम 6 से 7 बजे के मध्य संपन्न हुई।

टकोली (वीना): तहसील औट के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत फर्श के गांव खबलाश में सोमवार को देव खबलाशी नारायण के करोड़ों से बने नवनिर्मित मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा शाम 6 से 7 बजे के मध्य संपन्न हुई। देवता के भंडारी, कारदार, पुजारी, गूर, पंडित व मुख्य कार-करिंदों ने देव मंदिर के ऊपरी हिस्से में चढ़कर प्रतिष्ठा कार्यक्रम को संपन्न किया और इस क्षण के साक्षी हजारों लोग बने। प्रतिष्ठा कार्यक्रम में विशेष रूप से देव लक्ष्मी नारायण कोट ज्वालापुर व देव लक्ष्मी नारायण लोट शामिल हुए। इसके अलावा इस समारोह के लिए स्नोर घाटी के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों के लगभग 4 दर्जन देवी-देवताओं की कमेटियों को आमंत्रित किया था। इस मंदिर का निर्माण कार्य वर्ष 2016 में शुरू किया गया था, जोकि अब पूरा हुआ है। अब यह मंदिर लकड़ी से पैगोड़ा शैली में बनाया गया है।

62 आकृतियों में उकेरी गई हैं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं
खास बात यह है कि मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण अवतार की 62 आकृतियों में श्रीकृष्ण लीलाओं को बारीकी से उकेरा गया है। ये आकृतियां मंदिर के अंदर चारों ओर बनाई गई हैं। निर्माण कार्य बिहार, उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश के कारीगरों द्वारा पूरा किया गया है। मंदिर पहाड़ी क्षेत्र व अधिक ऊंचाई पर होने के कारण यहां साल में सिर्फ 6-7 महीने ही निर्माण कार्य होता था। अधिक ठंड होने से बाकी समय में काम करने में मुश्किल आती थी।

देवता के मंदिर में विद्युत उपकरणों की है मनाही देवता के भंडारी बताते हैं कि इस गांव में शराब व मुर्गे पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध है। मूल स्थान में बने नवनिर्मित मंदिर व देवता के भंडार में कोई भी विद्युत उपकरण नहीं लगाया गया है, क्योंकि इसकी भी मनाही है। मंदिर पहुंचने के लिए मंडी-कुल्लू फोरलेन से पनारसा से नाऊ, सोझा, बदीरन, फर्श सड़क है, जिसके माध्यम से अपने वाहन में खबलाश गांव में पहुंच सकते हैं। सड़क की दूरी पनारसा से खबलाश गांव तक लगभग 22 किलोमीटर है। बता दें कि पहले पनारसा से फर्श तक ही सड़क सुविधा थी लेकिन 4 साल पहले खबलाश गांव सड़क सुविधा से जुड़ गया है।

सूखे में बारिश करवाते हैं देव खबलाशी नारायण
देव खबलाशी नारायण का रथ सबसे अलग व प्राचीन शैली में बना हुआ है और इनका मूल स्थान खबलाश है। देव रथ टनल (सुरंग) के अंदर, बैरियर के नीचे व यदि कहीं किसी ने गेट लगाया हो तो उसके नीचे से भी नहीं गुजरता है। इसके अलावा देव खबलाशी नारायण अपने हारियानों सहित पैदल मार्ग से ही यात्रा करते हैं। खास बात यह है कि यह जब भी इलाके में सूखा पड़ता है तो हारियान क्षेत्र के साथ-साथ देवता के भक्त देव भंडार पहुंच कर बारिश की गुहार लगाते हैं। उस दौरान देव रथ अपने भंडार से बाहर निकलकर चाननी में विराजमान होते हैं जिसके बाद एक निश्चित समय में बारिश हो जाती है।

ठाकर दास देव खबलाशी नारायण कारदार का कहना है कि मंदिर प्रबंधन कमेटियों, 9 कमेटी दारान, समस्त हारियान क्षेत्र, दानी सज्जनों व अन्य विभागों के सहयोग से नवनिर्मित मंदिर का कार्य पूर्ण हुआ। कोरोना काल में लगभग 2 साल कार्य बंद रहा था। नवनिर्मित मंदिर में भगवान के 24 अवतार व 38 श्रीकृष्ण जन्म से लेकर कंस वध कृष्ण लीलाओं की आकृतियों को भव्य तरीके से उकेरा गया है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!