Himachal: कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने बेटे की पोस्ट विवाद पर तोड़ी चुप्पी, इस्तीफे की अटकलों को किया खारिज

Edited By Vijay, Updated: 19 Jun, 2025 04:07 PM

agriculture minister dismissed speculation of resignation

हिमाचल प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने अपने बेटे नीरज भारती द्वारा सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट के बाद उठे सियासी विवाद और इस्तीफे की अटकलों पर विराम लगा दिया है।

शिमला (भूपिंद्र): हिमाचल प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने अपने बेटे नीरज भारती द्वारा सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट के बाद उठे सियासी विवाद और इस्तीफे की अटकलों पर विराम लगा दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस्तीफे देने जैसी कोई बात नहीं है और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बातचीत के बाद यह मसला सुलझा लिया गया है। हालांकि, उन्होंने तबादलों को लेकर अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों ने ट्रांसफर और एडजस्टमैंट को पेशा बना लिया है। चौधरी चंद्र कुमार ने शिमला में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत के दौरान यह बात कही। गौरतलब है कि बुधवार रात को उनके पुत्र और पूर्व सीपीएस नीरज भारती ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली थी कि चौधरी चंद्र कुमार मंत्रीपद से इस्तीफा देंगे, क्योंकि "काम यदि दलालों के होंगे तो मंत्री बनके क्या फायदा।" इस पोस्ट के बाद प्रदेश की राजनीति में काफी हलचल मच गई थी।

नीरज भारती की नाराजगी और सुलह
चंद्र कुमार ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि इस्तीफे जैसी कोई बात नहीं है। उन्होंने बताया कि नीरज भारती को विधानसभा क्षेत्र में तबादलों व एडजस्टमैंट को लेकर कुछ शिकायतें थीं। रात को उनकी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत हुई और मसला सुलझ गया। उन्होंने अपने बेटे के बारे में कहा कि वह नौजवान है और कई बार आवेश में कई बातें बोल देते हैं।

ट्रांसफर माफिया पर साधा निशाना
मंत्री ने प्रदेश में बड़े स्तर पर ट्रांसफर माफिया के सक्रिय होने की बात कही और विशेष रूप से शिक्षा विभाग को "ट्रांसफर का पिंडोरा बॉक्स" बताया, जिस पर मुख्यमंत्री को लगाम लगानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में भी कुछ लोगों और कार्यकर्ताओं ने ट्रांसफर और एडजस्टमेंट को पेशा बना लिया है, जिस पर नीरज भारती ने नाराजगी जाहिर की और इस्तीफे की बात कही थी। उन्होंने दोहराया कि इस्तीफे देने की जरूरत नहीं पड़ी है। चंद्र कुमार ने कहा कि हर विभाग में ट्रांसफर और एडजस्टमैंट का धंधा चल रहा है, लेकिन शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में यह सबसे ज्यादा है। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि कुछ लोग और कार्यकर्ता इन तबादलों में शामिल होकर सरकार की छवि खराब कर रहे हैं, जिस पर लगाम लगाने की आवश्यकता है। नीरज भारती ने इसी बात को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी।

कार्यकर्ता नहीं करते काम की बात
मंत्री ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि कार्यकर्ता अक्सर विकास कार्यों की बात नहीं करते, बल्कि ट्रांसफर व एडजस्टमैंट के मामलों को लेकर आते हैं, जैसे उन्हें विधायक ही बनना हो। उन्होंने इसे एक रिवायत करार दिया कि छोटा से छोटा कार्यकर्ता भी जब मुख्यमंत्री से मिलने आता है तो वह भी ट्रांसफर की बात करता है। उन्होंने बताया कि ट्रांसफर पॉलिसी बनाने की बात कई बार हुई, लेकिन वह सिरे नहीं चढ़ी। कई बार इसे लेकर कमेटियां बनाई गईं, लेकिन यह पेंडोरा बॉक्स बंद होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पास भी फाइलों के ढेर लगे होते हैं और इसे हतोत्साहित करने की आवश्यकता है।

संगठन सरकार की आंख और कान
प्रदेश कांग्रेस संगठन के बारे में बात करते हुए चंद्र कुमार ने कहा कि जल्द ही इस पर फैसला हो जाएगा। उन्होंने संगठन को सरकार की आंख और कान बताया और कहा कि सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए संगठन का मजबूत होना आवश्यक है। उन्होंने जोर दिया कि जब संगठन नहीं होता तो सरकार की योजनाएं लोगों तक नहीं पहुंच पातीं और सरकार व संगठन में तालमेल जरूरी है। उन्होंने आगामी पंचायती राज चुनावों के मद्देनजर संगठन की महत्ता पर भी जोर दिया।

भाजपा अपनी चिंता करे
नीरज भारती की पोस्ट पर भाजपा के बयान पर चौधरी चंद्र कुमार ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह कांग्रेस का आंतरिक मसला है। उन्होंने भाजपा को अपनी चिंता करने की सलाह दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे सरकार और संगठन के साथ हैं। उन्होंने बताया कि बुधवार को वह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के साथ एक ही गाड़ी में थे और सब कुछ सामान्य है।

केंद्र की राहत राशि को बताया ऊंट के मुंह में जीरा
चंद्र कुमार ने केंद्र से वर्ष 2023 की आपदा के लिए मिली 2006 करोड़ रुपए की राहत राशि को ऊंट के मुंह में जीरे के समान करार दिया। उन्होंने कहा कि जितना नुकसान का आकलन हुआ है, उसके मुकाबले केंद्र सरकार से बहुत कम राशि मिली है। राज्य को 17 हजार करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन किया गया है। उन्होंने भाजपा पर हर बात बढ़ा चढ़ा कर करने की आदत का आरोप लगाया।

नीरज भारती की तीन सोशल मीडिया पोस्ट
पूर्व सीपीएस नीरज भारती ने बुधवार शाम को फेसबुक पर तीन पोस्ट डाली थीं, जिन्होंने सियासी हलचल बढ़ा दी थी। पहली पोस्ट में पूर्व सीपीएस नीरज भारती ने लिखा था कि अपने पिता और कृषि मंत्री चंद्र कुमार को मंत्री पद से इस्तीफा देंगे। काम अगर दलालों के होंगे तो मंत्री बनके क्या फायदा? देर रात दूसरी पोस्ट में लिखा था कि फिलहाल चौधरी साहब से आश्वासन मिल गया है कि कल वह मुख्यमंत्री जी से बात करेंगे, फिर देखते हैं। आधी रात काे तीसरी पोस्ट में उन्हाेंने मंत्री के साथ विधायकों के इस्तीफे की भी बात की। उन्होंने लिखा, "जिसने जो अटकलें लगानी है वो लगा ले, मुझे नहीं पता कि कल और कौन से विधायक इस्तीफा दे रहे, लेकिन मेरी आज मेरे पिता जी जो कि प्रदेश सरकार में कृषि एवं पशुपालन मंत्री हैं, उनके साथ ज्वाली विधानसभा क्षेत्र से संबंधित मामले पर ही तीखी बहस हुई और मैने ही उन्हें कहा कि अगर भाजपाइयों के ही काम होने हैं, तो आप इस्तीफा दे मंत्री पद से, विधायक बेशक बने रहो या अपने विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से सलाह मशविरा ले लो कि विधायक भी रहना है या नहीं, लेकिन अपनी ही कांग्रेस पार्टी की सरकार होते हुए भी अपने ही विधानसभा क्षेत्र में कुछ दलाल जो कि पैसे खाकर भाजपाइयों के काम करवा रहे हैं और आप चुप हैं, तो आपका मंत्री पद से इस्तीफा देना ज्यादा सही है चुप बैठे रहने से.. अब कल मंत्री जी मुख्यमंत्री जी से बात करेंगे अगर ज्वाली विधानसभा क्षेत्र में दलालों की घुसपैठ बंद होगी तो ठीक वर्ना इस्तीफा दिया जाएगा। नीरज भारती के इन पोस्ट के बाद प्रदेश की राजनीति में कई तरह की चर्चाएं तेज हो गई थीं, जिसे मंत्री चंद्र कुमार ने अब शांत कर दिया है।
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