Edited By Jyoti M, Updated: 11 Dec, 2024 11:29 AM
सुबाथू कुनिहार मार्ग पर गंभर खड्डू में बन रहे पुल का कार्य करीब 90 फीसदी हो गया है। अब पता चला कि इसका डिजाइन गलत तैयार हो गया है। इस कारण पुल का निर्माण रुक गया है।
सोलन, (ब्यूरो): सुबाथू कुनिहार मार्ग पर गंभर खड्डू में बन रहे पुल का कार्य करीब 90 फीसदी हो गया है। अब पता चला कि इसका डिजाइन गलत तैयार हो गया है। इस कारण पुल का निर्माण रुक गया है। इस कारण लोक निर्माण विभाग अब नया डिजाइन तैयार करने में जुट गया है। हालांकि पुल बनकर तैयार हो गया है लेकिन समस्या कुनिहार की और से पुल को जोड़ने के लिए खड़ी हो गई है। वहां पर 2 सड़कों का जंक्शन है।
कुनिहार सड़क से जोड़ने में तो कोई परेशानी नहीं है लेकिन ममलीग की सड़क को इससे जोड़ने में समस्या खड़ी हो गई है। मौके पर जगह काफी कम है जो साथ लगती निजी भूमि है। यही कारण है कि विभाग द्वारा अब इस पुल के बचे हुए हिस्से के लिए नया डिजाइन तैयार किया जा रहा है। करीब दस करोड़ की लागत से बन रहे पुल की कुल लंबाई 53 मीटर और चौड़ाई साढ़े 7 मीटर है। इस पुल को पुराने पुल से लगभग 2 मीटर ऊपर बनाया गया है।
पूर्व भाजपा सरकार में इस पुल के निर्माण की आधारशिला रखी गई थी लेकिन इसके टेंडर वर्तमान सरकार में वर्ष 2023 में हुए। इस पुल का निर्माण मार्च, 2023 में शुरू भी हो गया। ठेकेदार को पुल के निर्माण के लिए वर्ष 2025 तक का समय दिया गया था। जैसे ही पुल को कुनिहार की ओर जोड़ने के लिए खड्ड के साथ जमीन पर कटिंग का काम शुरू हुआ तो कुछ भूमि निजी निकली। भूमि मालिक ने काम रोक दिया।
इसके बाद निजी भूमि को छोड़कर सरकारी भूमि से पुल के हिस्से को जोड़ने के लिए एक डिजाइन तैयार किया गया लेकिन धरातल पर वह डिजाइन ठीक नहीं पाया गया। अब फिर नया डिजाइन तैयार किया जा रहा है। इस पुल के बन जाने से वाहन चालकों को पुराने और जर्जर और तंग पुल से राहत मिलेगी। यह पुल प्रदेश के करीब 8 जिला को सोलन से जोड़ता है। इस पुल से प्रतिदिन सैंकड़ों की संख्या में वाहन क्रॉस होते हैं।
वर्तमान पुल हादसों का प्राय बना हुआ है। वर्ष 2019 से वर्ष 2022 के बीच गंभर पुल में कई सड़क हादसे हुए हैं। कई वाहन पुल से नीचे गिरे जिसमें करीब एक दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है। 2022 में ही मार्च में एक कार गिरने से 2 भाई-बहन की मौत हुई थी। अप्रैल 2022 में टैंकर के दुर्घटनाग्रस्त होने से चालक की मौत हुई। लगातार बढ़ रहे हादसों के चलते लोगों ने वहां पर प्रदर्शन किया था। इसके बाद जयराम सरकार ने वहां पर नए पुल का शिलान्यास किया था।