Edited By Jyoti M, Updated: 01 Dec, 2025 10:45 AM

हिमाचल प्रदेश के शांत और सुरम्य कांगड़ा जिले में कंड ग्वालटिक्कर गांव रविवार को उस समय स्तब्ध रह गया जब एक 10 वर्षीय बच्चे की दुखद मौत की खबर सामने आई। इस घटना ने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया है और हर कोई इस सवाल का जवाब तलाश रहा है कि आखिर इतना...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के शांत और सुरम्य कांगड़ा जिले में कंड ग्वालटिक्कर गांव रविवार को उस समय स्तब्ध रह गया जब एक 10 वर्षीय बच्चे की दुखद मौत की खबर सामने आई। इस घटना ने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया है और हर कोई इस सवाल का जवाब तलाश रहा है कि आखिर इतना छोटा बच्चा ऐसा भयानक कदम कैसे उठा सकता है।
घटनाक्रम जिसने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया
मृतक नाबालिग एक निजी विद्यालय में पाँचवी कक्षा का होनहार छात्र था। जानकारी के मुताबिक, सुबह छात्र ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ पास के ही एक स्थानीय मंदिर में दर्शन किए। धार्मिक स्थल से लौटने के बाद, जो होना था वह किसी ने सोचा भी नहीं था।
घर आकर वह बालक चुपचाप एक कमरे में चला गया। कुछ ही देर बाद, कमरे के अंदर का दृश्य देखकर उसकी बहन की चीख निकल गई। उसने देखा कि उसका भाई फंदे से झूल रहा है। आनन-फानन में परिवार के लोग दौड़े, बच्चे को नीचे उतारा और बिना समय गंवाए उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। हालांकि, डॉक्टरों के पास पहुंचने से पहले ही मासूम ने दम तोड़ दिया था।
पुलिस ने शुरू की गहन जांच
पालमपुर थाना के डीएसपी लोकेंद्र सिंह नेगी ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पुष्टि की है। पुलिस को सूचना मिलते ही उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए शव को अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस ने अब इस मामले में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है। डीएसपी ने बताया कि वे बच्चे के दोस्तों, परिजनों और आसपास के लोगों से पूछताछ कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस मासूम की मौत के पीछे क्या कारण थे।
यह घटना सिर्फ एक दुर्घटना नहीं है, बल्कि एक गंभीर सामाजिक प्रश्न भी खड़ा करती है कि क्यों हमारे समाज में बच्चे भी इस तरह की निराशा का शिकार हो रहे हैं। पूरा क्षेत्र इस हृदयविदारक घटना से स्तब्ध और दुखी है।