Hamirpur: गरीब श्रमिकों के बच्चों के सपने साकार कर रहा कामगार कल्याण बोर्ड

Edited By Jyoti M, Updated: 08 Jun, 2025 11:54 AM

workers welfare board is making dreams come true

रोजाना दिहाड़ी-मजदूरी करके अपने परिवारों का पालन-पोषण करने वाले श्रमिकों के बच्चे भी क्या उच्च शिक्षा या व्यावसायिक शिक्षा के सपने ले सकते हैं? अगर वे इस तरह की शिक्षा के सपने अपने दिलों में संजो रहे हैं तो इन सपनों को पूरा करने के लिए क्या उनके गरीब...

हमीरपुर। रोजाना दिहाड़ी-मजदूरी करके अपने परिवारों का पालन-पोषण करने वाले श्रमिकों के बच्चे भी क्या उच्च शिक्षा या व्यावसायिक शिक्षा के सपने ले सकते हैं? अगर वे इस तरह की शिक्षा के सपने अपने दिलों में संजो रहे हैं तो इन सपनों को पूरा करने के लिए क्या उनके गरीब माता-पिता पैसे का प्रबंध कर पाएंगे?

आम तौर पर यह तो असंभव ही लगता है। लेकिन, श्रमिकों के कल्याण के लिए हिमाचल प्रदेश भवन निर्माण एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड द्वारा आरंभ की गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं ने अब इस असंभव कार्य को भी संभव कर दिखाया है। जी हां, जिला हमीरपुर में हिमाचल प्रदेश भवन निर्माण एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड की शिक्षा सहायता योजना का लाभ उठाकर कई श्रमिकों के बच्चे अब बेहतरीन शिक्षा हासिल कर रहे हैं। इसी योजना का लाभ उठाकर जिला हमीरपुर के गांव चमनेड के एक श्रमिक नरेश कुमार के बच्चे आज फीस के बारे में किसी भी तरह की चिंता के बगैर अच्छी व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

पहले बद्दी के औद्योगिक क्षेत्र में नौकरी कर चुके नरेश कुमार आजकल सुजानपुर के निकट निर्माणाधीन धौलासिद्ध जलविद्युत परियोजना में कार्य कर रहे हैं। स्कूली शिक्षा के बाद उनके दोनों बच्चों ने जब व्यावसायिक शिक्षा लेने की इच्छा जताई तो नरेश कुमार को इसके खर्चे की चिंता सताने लगी। हर महीने मिलने वाली पगार से तो उनके घर का खर्चा ही चल पा रहा था। दोनों बच्चों की व्यावसायिक शिक्षा और उनके हॉस्टल इत्यादि के खर्चे के लिए नरेश कुमार को हर महीने बड़ी धनराशि की आवश्यकता थी।

नरेश कुमार को लगा कि वह शायद ही अपने बच्चों की इच्छा के अनुसार उन्हें व्यावसायिक शिक्षा दे पाएंगे। बच्चों की शिक्षा के लिए चिंताग्रस्त नरेश कुमार को जब भवन निर्माण एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड की विभिन्न योजनाओं की जानकारी मिली तो उसकी तो चिंता ही दूर हो गई। बोर्ड की इन 14 कल्याणकारी योजनाओं में से एक ‘शिक्षा सहायता योजना’ में उन्हें एक नई उम्मीद नजर आई। उन्होने तुरंत बोर्ड में अपना पंजीकरण करवाया और बच्चों की शिक्षा के लिए आर्थिक मदद हेतु आवेदन कर दिया। पंजीकरण एवं आवेदन करते ही नरेश कुमार को दोनों बच्चों की व्यावसायिक शिक्षा के लिए 36-36 हजार रुपये की मदद मिली। बोर्ड से यह मदद मिलने के बाद उनका एक बच्चा बीबीए और दूसरा आईटीआई कर रहा है।

मेहनत-मजदूरी से अपने परिवार का पालन-पोषण करने वाले जिला हमीरपुर के ही एक अन्य श्रमिक ज्योति कुमार के बच्चों की शिक्षा के लिए भी कामगार कल्याण बोर्ड की ओर से 8400-8400 रुपये की राशि जारी की गई है। इसके लिए प्रदेश सरकार का बार-बार आभार व्यक्त करते हुए ज्योति कुमार का कहना है कि बोर्ड की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से श्रमिकों को कई सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। श्रमिकों के उपचार, बच्चों के जन्म, शिक्षा और शादी इत्यादि से लेकर मकान निर्माण तथा कई अन्य कार्यों के लिए भी बोर्ड की ओर से सहायता राशि दी जा रही है। ज्योति कुमार ने बताया कि बोर्ड ने उनकी बेटी के नाम 51 हजार रुपये की एफडी भी की है।

बमसन ब्लॉक के एक अन्य श्रमिक नरेश कुमार को अपने दोनों बच्चों की शिक्षा की चिंता सता रही थी। लेकिन, दसवीं और बारहवीं कक्षा में पढ़ रहे दोनों बच्चों को भी कामगार कल्याण बोर्ड की ओर से 24 हजार रुपये की मदद मिलने से नरेश कुमार को बहुत बड़ी राहत मिली है।
धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना में कार्य कर रहे अन्य श्रमिक नवीन कुमार के दोनों छोटे-छोटे बच्चों के लिए भी 8200-8200 रुपये और संजीव कुमार के बच्चों को 16,400 रुपये की मदद बहुत बड़ा सहारा साबित हुई है।  

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