Shimla: रिकांगपिओ अस्पताल में ई.एन.टी., नेत्र रोग, रेडियोलॉजिस्ट, महिला रोग विशेषज्ञ के पद खाली, रैफर हो रहे मरीज

Edited By Jyoti M, Updated: 20 Nov, 2024 10:39 AM

vacancies for radiologist and gynecologist in hospital

जनजातीय जिला किन्नौर में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का सरकार लाख दावे करे, लेकिन जिला किन्नौर में स्वास्थ्य सुविधाएं चरमराई हुई हैं। किन्नौर जिले के 73 पंचायतों के हजारों लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने वाले क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ में लंबे समय...

रिकांगपिओ, (कुलभूषण): जनजातीय जिला किन्नौर में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का सरकार लाख दावे करे, लेकिन जिला किन्नौर में स्वास्थ्य सुविधाएं चरमराई हुई हैं। किन्नौर जिले के 73 पंचायतों के हजारों लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने वाले क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ में लंबे समय से स्वास्थ्य सुविधाएं चरमराई हुई हैं।

जिला अस्पताल में चिकित्सकों और विशेषज्ञों के पद रिक्त होने से हजारों मरीजों को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। बेहतर उपचार की आस में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से रोजाना हजारों मरीज क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ पहुंच रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सक न होने से उन्हें मायूस लौटना पड़ रहा है।

मरीजों को उपचार के लिए रिकांगपिओ से सैंकड़ों किलोमीटर दूर रामपुर या फिर शिमला की ओर जाना पड़ रहा है। रोजाना करीब चार सौ मरीजों की ओ.पी. डी. वाले इस अस्पताल में जिलेभर से मरीज बेहतर उपचार की आस में पहुंचते हैं, लेकिन यहां विशेषज्ञ चिकित्सक न होने से मरीजों को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। सबसे अधिक परेशानी गर्भवती महिलाओं को पेश आ रही है। अस्पताल में न तो महिला रोग विशेषज्ञ है और नही रेडियोलॉजिस्ट।

ऐसे में महिलाओं को उपचार के लिए रिकांगपिओ से 100 किलोमीटर दूर रामपुर या फिर 250 किलोमीटर दूर शिमला के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। यही समस्या अस्पताल पहुंचने वाले नाक, कान, गला और नेत्र रोग संबंधी मरीजों को भी झेलनी पड़ रही है। अस्पताल में ई.एन.टी. का पद वर्ष 2018, महिला रोग विशेषज्ञ का पद तीन माह से, रेडियोलॉजिस्ट का पद वर्ष 2022 और नेत्र रोग विशेषज्ञ का पद बीते नौ माह से रिक्त है।

ऐसे में सरकार और स्वास्थ्य विभाग के जनजातीय क्षेत्र में बेहतर उपचार के दावे हवा होते नजर आ रहे हैं। जिले के पूह, कल्पा और निचार खंड के हजारों ग्रामीणों को जिला अस्पताल का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य सुविधाएं के लिए भटक रहीं दर-दर, जिला किन्नौर में सबसे अधिक परेशानी गर्भवती महिलाओं को हो रही है। गर्भवती महिलाओं को इस स्थिति में लंबा सफर करना मां और गर्भ में पल रहे बच्चे की जान को जोखिम में डालनी पड़ रही है। वहीं रेडियोलॉजिस्ट न होने से भी गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाऊंड के लिए निजी क्लीनिकों में अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है।

डॉ. सोनम नेगी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी किन्नौर ने कहा कि रिकांगपिओ अस्पताल में रिक्त चिकित्सकों के पदों को लेकर सरकार और स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया है। उम्मीद है कि जल्द ही अस्पताल में डॉक्टरों की तैनाती होगी।

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