Himachal: कर्मचारियों के डीए पर विधानसभा में हंगामा, विपक्ष ने नारेबाजी के बाद सदन से किया वाकआऊट

Edited By Vijay, Updated: 21 Aug, 2025 07:16 PM

uproar in the assembly over da of employees

विधानसभा में गुरुवार को कर्मचारियों के लंबित डीए को लेकर हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के जवाब से नाराज विपक्ष के विधायकों ने बैल में आकर नारेबाजी की, फिर सदन से बाहर चले गए।

शिमला (प्रीति): विधानसभा में गुरुवार को कर्मचारियों के लंबित डीए को लेकर हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के जवाब से नाराज विपक्ष के विधायकों ने बैल में आकर नारेबाजी की, फिर सदन से बाहर चले गए। भाजपा विधायक सतपाल सत्ती ने मामले पर सवाल पूछा था लेकिन सरकार की ओर से मिले जवाब से विपक्ष असंतुष्ट दिखाई दिया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री बार-बार घुमा-फिराकर राजनीतिक जवाब दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कर्मचारियों के सहयोग से ही सत्ता में आई है। कर्मचारियों का 11 प्रतिशत डीए देय है। यहां तक कि कर्मचारियों को मेडिकल बिलों के पैसे भी नहीं मिल रहे हैं।

सदन में कही जाने वाली बात सच्ची होनी चाहिए : बिक्रम ठाकुर 
इससे पूर्व विधायक बिक्रम ठाकुर ने कहा कि बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने मई महीने में डीए जारी करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अगस्त का महीना खत्म होने को है और अब तक घोषणा पूरी नहीं की गई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार झूठ बोलते हैं कि आर्थिक स्थिति ठीक होने पर कर्मचारियों को डीए दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सदन में कही जाने वाली बात सच्ची होनी चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बजट में इसका प्रावधान किया गया है। ऐसे में मई महीने में न सही किसी और महीने में डीए दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी सरकार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, आने वाले दिनों में इसकी अदायगी कर दी जाएगी।

सदन में जो भी घोषणा की जाती है, उसका पालन होना चाहिए
जयराम ठाकुर ने कहा कि यह विशेषाधिकार हनन का मामला बनता है, क्योंकि सदन में जो भी घोषणा की जाती है, उसका पालन होना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री राजनीतिक जवाब देते हुए भाजपा सरकार पर 10 हजार करोड़ रुपए की देनदारी छोड़ने का आरोप लगाते हैं। उन्होंने पलटवार करते हुए पूछा कि क्या कांग्रेस सरकार के कार्यकाल की कोई देनदारी भाजपा पर नहीं आई थी। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ रही है।

पूर्व सरकार ने कर्मचारियों का एरियर नहीं दिया
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018-19 में 12 हजार करोड़ रुपए की रैवेन्यू डैफिसिट ग्रांट (आरडीजी) हिमाचल को मिली। फिर भी पूर्व सरकार ने कर्मचारियों का एरियर नहीं दिया। वर्तमान सरकार में अधिकतम 6000 करोड़ आरडीजी आई। अब यह 3200 करोड़ रह गई है। आर्थिक हालात सुधरते ही डीए का भुगतान कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों को ओपीएस दी है। इसके चलते केंद्र सरकार से मिलने वाली 1600 करोड़ की सहायता भी बंद है। हालांकि इसको लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री से बात की गई है।

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