Edited By Vijay, Updated: 08 Aug, 2025 07:40 PM

हिमाचल प्रदेश में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार व रविवार को 2 दिन 1-2 स्थानों पर भारी बारिश का यैलो अलर्ट जारी किया गया है, लेकिन 11 अगस्त से मौसम फिर से तीखे तेवर अपना सकता है.....
शिमला (संताेष): हिमाचल प्रदेश में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार व रविवार को 2 दिन 1-2 स्थानों पर भारी बारिश का यैलो अलर्ट जारी किया गया है, लेकिन 11 अगस्त से मौसम फिर से तीखे तेवर अपना सकता है, क्याेंकि 11 से 14 अगस्त तक कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरैंज अलर्ट जारी किया गया है। 9 अगस्त को ऊना, कांगड़ा और सिरमौर में भारी वर्षा के साथ आसमानी बिजली कड़कने की चेतावनी है, जबकि 10 अगस्त को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में यैलो अलर्ट जारी किया गया है। 11 अगस्त को कांगड़ा और मंडी में भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरैंज अलर्ट, जबकि ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, सोलन और सिरमौर में यैलो अलर्ट रहेगा। 12 अगस्त को चम्बा और कांगड़ा में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरैंज अलर्ट, वहीं कुल्लू, मंडी और सिरमौर में यैलो अलर्ट लागू होगा। 13 और 14 अगस्त को अधिकांश जिलों में ऑरैंज अलर्ट जारी किया गया है।
शुक्रवार को राजधानी शिमला सहित कई हिस्सों में बारिश हुई, लेकिन नाहन, कुफरी व नारकंडा में खूब मेघ बरसे हैं। नारकंडा में सबसे अधिक 49.5, कुफरी में 47.5, नाहन में 42.1 मिलीमीटर वर्षा हुई, जबकि राजधानी शिमला में 6 मिलीमीटर बारिश हुई है। गुरुवार रात्रि को बिलासपुर के घाघस में 14, मंडी के मुरारी देवी में 13 और कुल्लू के बंजार में 8 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। बारिश से भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं।
1 नैशनल हाईवे व 357 संपर्क मार्ग बंद, 599 ट्रांसफार्मर भी ठप्प
राज्य में शुक्रवार शाम तक 1 नैशनल हाईवे और 357 संपर्क मार्ग यातायात के लिए बंद रहे। मंडी जिले में सबसे अधिक 206, कुल्लू में 99 और कांगड़ा में 22 संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं। कुल्लू जिले में एनएच-305 जहेड़ खनग के पास पिछले कुछ दिनों से बंद पड़ा है। इसके साथ ही भारी बारिश से बिजली और पानी की आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। प्रदेश में 599 बिजली ट्रांसफार्मर बंद हैं, जिनमें से अकेले कुल्लू जिले में 382 और मंडी में 204 ट्रांसफार्मर ठप्प पड़े हैं। इसी तरह 177 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिनमें से मंडी जिले में 105 और कांगड़ा में 72 स्कीमें बंद हैं।
राज्य को अब तक हो चुका है 1988 करोड़ का नुक्सान
20 जून से शुरू हुए मानसून सीजन में अब तक 1977 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 493 पूरी तरह ढह गए हैं। 300 दुकानें और 1870 गऊशालाएं भी नष्ट हुई हैं। अकेले मंडी में 1156 घर और 268 दुकानें ढह गई हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक राज्य को करीब 1988 करोड़ रुपए का नुक्सान हो चुका है, जिसमें लोक निर्माण विभाग को 1055 करोड़ और जल शक्ति विभाग को 681 करोड़ रुपए की क्षति हुई है। मानसून सीजन में अब तक 58 बार फ्लैश फ्लड, 30 बार बादल फटने और 51 बार भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं।