Shimla: सड़क का टैंडर पाने के लिए ए-क्लास ठेकेदार को चालाकी पड़ी महंगी, मिली ये सजा

Edited By Vijay, Updated: 08 Apr, 2025 12:06 PM

trickery of getting tender proved costly contractor punished

नाबार्ड के तहत बनाई जा रही डुमी-करेची सड़क का टैंडर लेने के लिए प्रमाण पत्र में ओवर राइटिंग करने के मामले में एक ए-क्लास ठेकेदार पर गाज गिरी है।

शिमला (भूपिन्द्र): नाबार्ड के तहत बनाई जा रही डुमी-करेची सड़क का टैंडर लेने के लिए प्रमाण पत्र में ओवर राइटिंग करने के मामले में एक ए-क्लास ठेकेदार पर गाज गिरी है। इसके तहत ठेकेदार पर आगामी 3 माह यानि 1 अप्रैल से 30 जून तक निविदा प्रक्रिया में भाग लेने पर बैन लगाया है। इसके बाद अब ठेकेदार अगले 3 माह तक कोई भी टैंडर नहीं भर पाएगा। इससे संबंधित मामले की सुनवाई के बाद चीफ इंजीनियर साऊथ जोन ने ये आदेश जारी किए हैं।

विभाग ने गत वर्ष आमंत्रित किए थे टैंडर 
बता दें कि 165 किलोमीटर लंबी डुमी-करेची सड़क के लिए लोक निर्माण विभाग ने गत वर्ष दिसम्बर माह में टैंडर आमंत्रित किए थे, जिसके लिए 7 ठेकेदारों ने अपनी निविदाएं भरीं। इसमें तकनीकी बिड में सभी 7 ठेकेदार योग्य घोषित किए गए, लेकिन दूसरे ठेकेदारों ने एक ठेकेदार के प्रमाण पत्रों पर आपत्ति जताई। उन्होंने एससी फोर्थ सर्कल लोक निर्माण विभाग के समक्ष अपनी आपत्ति दायर की तथा कहा कि ठेकेदार ने जो निविदा प्रक्रिया के समय तकनीकी मूल्याकन में स्वयं का योग्य बनाने के लिए जो प्रमाण पत्र दिया है, वह फर्जी है। दस्तावेजों में जहां छेड़छाड़ की गई है, वहीं हस्ताक्षर भी फर्जी किए गए हैं। इस पर लोक निर्माण विभाग के एसई ने संबंधित ठेकेदार को नोटिस जारी कर स्थिति को स्पष्ट करने को कहा तथा संतुष्ट नहीं होने पर ठेकेदार पर कार्रवाई करते हुए उसे टैंडर प्रक्रिया से बाहर कर दिया, साथ ही उन्होंने ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने का मामला लोक निर्माण विभाग के ईएनसी को भेजा था। 

ठेकेदार ने माना, प्रमाण पत्र में की ओवर राइटिंग 
ईएनसी ने इस मामले को चीफ इंजीनियर साऊथ जोन को भेजा था। चीफ इंजीनियर साऊथ जोन ने इस मामले की जांच की तथा ठेकेदार से लिखित जवाब मांगा। अपने आदेश में चीफ इंजीनियर ने कहा है कि ठेकेदार ने  भी माना है कि उसने प्रमाण पत्र में ओवर राइटिंग की है। इस पर उन्होंने ठेकेदार पर यह कार्रवाई की है। उधर, ठेकेदार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने संबंधित ठेकेदार के दस्तावेज गत 5 वर्ष के जांचने की मांग की थी। इसको लेकर उन्होंने सचिव लोक निर्माण विभाग तथा विभाग के ईएनसी को पत्र लिखा था। 

एनलिस्टमैंट रूल में है कार्रवाई का प्रावधान
एनलिस्टमैंट रूल के तहत ठेकेदार पर कार्रवाई की जा सकती है। ठेकेदार के पंजीकरण में एक एनलिस्टमैंट रूल है। इसमें फर्जी दस्तावेज देने या दस्तावेजों में टैम्परिंग करने पर ब्लैक लिस्ट करने का प्रावधान है।
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