Himachal Election : ये रहे BJP की हार के 3 मुख्य कारण, कांग्रेस ने माैके पर लगाया चाैका

Edited By Rahul Singh, Updated: 08 Dec, 2022 04:25 PM

three main reasons for bjp defeat in himachal election 2022

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में एक बार फिर राज बदलता हुआ दिखा। कांग्रेस यहां पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है तो वहीं जयराम ठाकुर के 8 मंत्री ही अपनी सीट गंवाते दिखे। बीजेपी ने जिस तरह से माहाैल तैयार किया था और स्टार प्रचारकों को...

हिमाचल डेस्क : हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में एक बार फिर राज बदलता हुआ दिखा। कांग्रेस यहां पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है तो वहीं जयराम ठाकुर के 8 मंत्री ही अपनी सीट गंवाते दिखे। बीजेपी ने जिस तरह से माहाैल तैयार किया था और स्टार प्रचारकों को बुला-बुलाकर हर क्षेत्र में कठ तैयार किया वो भी काम नहीं आ सका। अंत में जनता ने रिवाज नहीं बदलने का फैसला लिया। हालांकि जयमरा ठाकुर के लिए 5 साल आसान नहीं रहे। उन्हें ना सिर्फ कोरोना काल में विरोधी पार्टी से झटके मिलते रहे बल्कि सरकारी कर्मचारी भी निराश दिखते नजर आए। आइए जानते हैं कि आखिर  BJP की हार के 3 मुख्य कारण क्या रहे, जिनका फायदा कांग्रेस ने माैके पर उठाते हुए चाैका लगाया-

1. ओपीएस
ओपीएस यानी कि ओल्ड पेंशन स्कीम...2017 के चुनावों में बीजेपी ने 44 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार ओपीएस उनपर भारी पड़ गया। चुनाव प्रचार के दाैरान कांग्रेस ने ओपीएस को एक मुद्दा बनाकर खूब बीजेपी को घेरा। वहीं जयराम ठाकुर ने जब एक बयान देते हुए कहा था कि... अगर पेंशन लेनी है तो चुनाव लड़ों...उनके इस बयान से सरकारी कर्मचारी बेहद निराश दिखे थे। कर्मचारियों का स्टेट कहलाने वाले हिमाचल में कांग्रेस की ओर से पहली ही कैबिनेट में OPS लागू करने की गारंटी खुद प्रियंका गांधी ने दी। वहीं जयराम सरकार ने ओपीएस को नजरअंदाज करते हुए अपने पैर पर खुद कुल्हाड़ी मारने का काम किया।  राज्य में करीब 4.5 लाख सरकारी कर्मचारी हैं और रिटायर्ड कर्मचारी भी काफी बड़ी संख्या में हैं। बता दें कि पुरानी पेंशन योजना, इस योजना को एक अप्रैल 2004 से देश में बंद कर दिया गया था।

PunjabKesari

2. भर्तियां सिरे न चढ़ीं
कोरोनाकाल में सेहत विभाग में हुए घोटाले ने बीजेपी को फंसाया।  पुलिस भर्ती पेपर लीक और JBT, TGT, JOA-IT जैसी भर्तियां सिरे न चढ़ पाना भी बीजेपी की हार का एक और कारण साबित हुआ। युवाओं में सरकार के प्रति आक्रोश दिखा। गाैर हो कि पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा में पहली बार 74 हजार आवेदक शामिल हुए थे। इनमें से 60 हजार पुरुष और 14 हजार महिला आवेदक शामिल थीं, लेकिन पुलिस भर्ती पेपर लीक होने के बाद भर्ती को रद्द कर दिया गया। वहीं जेओए आईटी में भी ऐसा हाल दिखा। पेपर मार्च 2021 में पेपर हुआ था। पहले मामला हाई कोर्ट में था, अब ये सुप्रीम कोर्ट में है जहां पहले ये 29 नवंबर को लगना था पर नहीं लगा। ऐसे में युवाओं को रोजगार ना मिल पाना बीजेपी की नाकामी साबित कर गया।

PunjabKesari

3. अग्निवीर योजना का आना
पूरे देश में अग्निवीर योनजा को लागू किया गया, लेकिन युवाओं ने इसका जमकर विरोध किया। हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है। ऐसे में यहां के युवाओं में स्कूल के दाैरान ही आर्मी में जाने का जुनून जाग उठता है, लेकिन इस साल केंद्र द्वारा जब अग्निपथ योजना को लागू किया तो युवाओं में काफी रोष दिखा। युवाओं का मानना था कि पहाड़ी राज्य में सेना ही रोजगार का सबसे अच्छा माध्यम है। युवाओं का मानना रहा कि सरकार सेना के नियमों में फेरबदल करके उनका भविष्य खराब कर रही है। वहीं कांग्रेस ने इसपर भी बीजेपी को घेरा। प्रियंका गांधी ने पहले ही बता दिया कि अगर केंद्र में उनकी सरकार आती है तो वह सबसे पहले अग्निपथ योजना को खत्म कर युवाओं के भविष्य को पहले जैसा सुनहरा बनाने की पहल करेंगे।

PunjabKesari

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!