Edited By Jyoti M, Updated: 29 Dec, 2025 03:33 PM

उपायुक्त अमरजीत सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे एससी, एसटी और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों, दिव्यांगों और सफाई कर्मियों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करें तथा इनके अधिकारों की रक्षा से संबंधित अधिनियमों के प्रावधानों की अनुपालना...
हमीरपुर। उपायुक्त अमरजीत सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे एससी, एसटी और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों, दिव्यांगों और सफाई कर्मियों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करें तथा इनके अधिकारों की रक्षा से संबंधित अधिनियमों के प्रावधानों की अनुपालना सुनिश्चित करें। सोमवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की विभिन्न योजनाओं, अभियानों तथा अधिनियमों से संबंधित 6 अलग-अलग जिला स्तरीय समितियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने ये निर्देश दिए।
राष्ट्रीय न्यास अधिनियम 1999 के अंतर्गत गठित स्थानीय समिति की बैठक में उपायुक्त ने बताया कि मानसिक विकलांगता, ऑटिज्म, सेरीब्रल पाल्सी और बहु-विकलांगता से ग्रस्त बच्चों के माता-पिता स्वभाविक रूप से इन बच्चों के संरक्षक होते हैं। लेकिन, 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने के बाद ऐसे लोगों के लिए कानूनी संरक्षकों की नियुक्ति आवश्यक होती है। जिला में अभी तक 206 ऐसे दिव्यांगजनों के अभिभावकों को कानूनी अभिभावक प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके हैं। समिति ने 5 नए आवेदनों को भी मंजूरी दे दी।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने बताया कि इस समय जिला में अधिनियम के तहत दर्ज 26 मामले विभिन्न अदालतों में विचाराधीन हैं। 34 मामलों की कैंसलेशन रिपोर्ट्स भी अभी विभिन्न अदालतों में विचाराधीन हैं। 14 मामलों में पुलिस जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों की जांच और अभियोजन में विलंब नहीं होना चाहिए।
नशा मुक्त भारत अभियान 2.0 की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि जिला में इस अभियान के तहत आयोजित की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों की रिपोर्टिंग के लिए एक समग्र फॉरमेट तैयार किया गया है। सभी संबंधित विभाग इस फॉरमेट पर नियमित रूप से रिपोर्ट प्रेषित करें तथा आवश्यक सुझाव भी दें। उपायुक्त ने कहा कि नशीले पदार्थों की तस्करी एवं सेवन की शिकायत के लिए हिमाचल प्रदेश पुलिस ने टॉल फ्री नंबर 112 और ड्रग फ्री हिमाचल ऐप शुरू किया गया है। इन पर शिकायत करने वाले व्यक्ति का नाम पूरी तरह गोपनीय रखा जाता है। इस 112 नंबर और ड्रग फ्री हिमाचल ऐप का व्यापक प्रचार-प्रसार होना चाहिए। इसके अलावा जिला के सभी स्वास्थ्य खंडों में नशे के उपचार के लिए नई दिशा केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। टॉल फ्री नंबर 14416 पर मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित परामर्श की सुविधा प्रदान की जा रही है। इनकी जानकारी भी आम लोगों तक पहुंचनी चाहिए।
जिला दिव्यांगता समिति की बैठक में उपायुक्त ने बताया कि इस वित्त वर्ष के दौरान जिला के 5011 दिव्यांगजनों की पेंशन पर 4.44 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। 73 दिव्यांग विद्यार्थियों को 6.39 लाख रुपये की छात्रवृत्ति दी गई। 7 दिव्यांगों की शादी पर 2 लाख रुपये का अनुदान दिया गया। उन्हांेने कहा कि सभी भवनों, सार्वजनिक स्थलों, परिवहन सेवाओं, अस्पतालों, कार्यालयों और शौचालयों इत्यादि में दिव्यांगों के लिए निर्धारित सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए।
अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री के नए 15 सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने कहा कि सभी संबंधित विभाग अल्पसंख्यक वर्गों के पात्र लोगों को चिह्नित करें और उन्हें विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करें। हाथ से मैला उठाने वाले सफाई कर्मचारियों के नियोजन प्रतिषेध एवं उनका पुनर्वास अधिनियम-2013 के अंतर्गत गठित जिला सतर्कता समिति की बैठक में उपायुक्त ने कहा कि सेप्टिक टैंकों, शौचालयों और नालियों की सफाई करने वाले कर्मचारियों के पास सभी आवश्यक उपकरण एवं सुरक्षा किट होनी चाहिए तथा उनके स्वास्थ्य की नियमित रूप से जांच की जानी चाहिए। उक्त सभी समितियों की बैठकों में जिला कल्याण अधिकारी चमन लाल शर्मा ने विभिन्न योजनाओं का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। बैठक में एसपी बलवीर सिंह, जिला परिषद अध्यक्ष बबली देवी, जिला न्यायवादी संदीप अग्निहोत्री, संबंधित विभागों के अधिकारी तथा उक्त समितियों के गैर सरकारी सदस्य भी उपस्थित थे।