Edited By Vijay, Updated: 25 Apr, 2023 11:06 PM

शिक्षा विभाग में शिक्षकों के खाली पड़े करीब 16 हजार पदों को चरणबद्ध तरीके से भरने की दिशा में राज्य सरकार आगे बढ़ रही है। इस कड़ी के तहत दूरदराज एवं जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए अस्थायी तौर पर भर्ती की जाएगी।
शिमला (कुलदीप): शिक्षा विभाग में शिक्षकों के खाली पड़े करीब 16 हजार पदों को चरणबद्ध तरीके से भरने की दिशा में राज्य सरकार आगे बढ़ रही है। इस कड़ी के तहत दूरदराज एवं जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए अस्थायी तौर पर भर्ती की जाएगी। यह भर्ती अस्थायी भर्ती नियमित शिक्षक के आने तक होगी। यह भर्ती विभाग की तरफ से तैयार किए गए भर्ती एवं पदोन्नति नियमों (आर एंड पी रूल), टैट परीक्षा उत्तीर्ण करने तथा आरक्षण रोस्टर के अनुसार होगी। यानी शिक्षा विभाग की नियमित भर्ती प्रक्रिया में जिन नियमों एवं मापदंडों का ध्यान रखा जाता है, उसके अनुरूप यह भर्ती होगी। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में यहां आयोजित मंत्रिमंडल उपसमिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसमें 2 अन्य मंत्रियों जगत सिंह नेगी और रोहित ठाकुर ने भाग लिया। मंत्रिमंडल उपसमिति की अगली बैठक 27 अप्रैल को फिर होगी, जिसमें भर्ती प्रक्रिया के ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। इसके बाद मंत्रिमंडल बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
भर्ती के मापदंडों में नहीं होगा कोई फेरबदल : हर्षवर्धन
मंत्रिमंडलीय उपसमिति के अध्यक्ष एवं उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि शिक्षकों की भर्ती के मापदंडों में किसी तरह का फेरबदल नहीं होगा। इस भर्ती प्रक्रिया में टैट टैस्ट उत्तीर्ण करने, आर एंड पी रूल और आरक्षण रोस्टर का पूरा ध्यान रखा जाएगा। सरकार यह भर्ती स्टॉप गैप अरेंजमैंट के रूप में वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर की जा रही है।
विधि एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बैठक
मंत्रिमंडल उपसमिति के सदस्यों की मंगलवार को विधि एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बैठक हुई। इसमें अस्थायी भर्ती प्रक्रिया में अपनाए जाने वाले मापदंडों को लेकर चर्चा हुई। अब एक बार फिर से मंत्रिमंडलीय उपसमिति इस विषय पर चर्चा करेगी।
बैचवाइज भर्ती प्रक्रिया को लग सकता है झटका
शिक्षकों की अस्थायी भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से बैचवाइज भर्ती को झटका लग सकता है, ऐसे में लंबे समय से अपने बैच का इंतजार करने वाले युवाओं के हाथ निराशा लग सकती है।
पहले भी हो चुकी हैं अस्थायी शिक्षकों की भर्तियां
राज्य में पहले भी अलग-अलग नीति के तहत अस्थायी शिक्षकों की नियुक्तियां हो चुकी हैं। इसमें कुछ श्रेणी के शिक्षकों की सेवाएं बाद में नियमित की गईं। इस तरह विभाग में समय-समय पर पीटीए, पैट, पैरा टीचर, वालंटियर टीचर, एसएमसी और कम्प्यूटर शिक्षकों की भर्तियां हुई हैं, जिसके मापदंड अलग-अलग रहे हैं।
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