Edited By Kuldeep, Updated: 04 May, 2025 09:43 PM

हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम निर्णयों पर मोहर लग सकती है। इस बार मंत्रिमंडल की बैठक के एजैंडे में 140 से अधिक आइटम शामिल बताई जा रही हैं।
शिमला (राक्टा): हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम निर्णयों पर मोहर लग सकती है। इस बार मंत्रिमंडल की बैठक के एजैंडे में 140 से अधिक आइटम शामिल बताई जा रही हैं। ऐसे में लगातार 2 दिन 5 और 6 मई को दोपहर 12 बजे कैबिनेट की बैठक होगी। सूत्रों की मानें, तो मंत्रिमंडल की बैठक में कम्युटेशन, सेवानिवृत्ति की आयु को 58 से बढ़ाकर 59 वर्ष किए जाने और नई भर्ती प्रक्रिया को लेकर फैसला हो सकता है। ऐसे में विशेष तौर पर कर्मचारियों और प्रदेश के बेरोजगार युवाओं की नजर कैबिनेट पर टिकी हुई है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में वित्त विभाग के सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर मिलने वाले कम्युटेशन के तहत एडवांस पैंशन को लेकर पड़ने वाले वित्तीय बोझ और उसकी कमियों को रखेगा। कम्युटेशन के तहत 15 वर्ष की 40 प्रतिशत एडवांस पैंशन का प्रावधान है, जिससे सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद मकान और अपनी अन्य जिम्मेदारियों को पूरा कर सकें। हालांकि एडवांस पैंशन का सबसे बड़ा नुक्सान ये है कि सेवानिवृत्ति के कुछ समय बाद ही मौत हो जाने पर कम्युटेशन की राशि वापस नहीं ली जा सकती है।
इसके अलावा वित्त विभाग ये भी प्रस्तुति देगा कि आखिर सेवानिवृत्ति की आयु को 58 से 59 यानी एक वर्ष करने से वित्तीय देनदारी कर्मचारियों के न देने से आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश में सरकारी विभागों और निगम व बोर्ड में कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर भी प्रस्तुति दिए जाने की सूचना है। वर्तमान में अनुबंध आधार और आऊटसोर्स पर भर्तियों की प्रक्रिया को बंद कर दिया है। ऐसे में अब भर्ती का कोई स्वरूप नहीं है। अनुबंध के स्थान पर नियमित शब्द दिया गया है। सीधे नियमित आधार पर भर्ती नहीं होगी। ऐसे में भर्ती के लिए गुजरात मॉडल पर प्रोविजनल यानी अस्थायी आधार पर भर्तियां किए जाने पर विचार हो रहा है। बैठक में शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग से जुडे कई मसलों पर चर्चा होगी।
संशोधित ड्राफ्ट भी रखा जाएगा
होम स्टे ड्राफ्ट 2026 को संशोधित कर दिया है, उसे भी मंत्रिमंडल में रखा जाएगा। इसके अलावा कई अन्य मसलों को लेकर चर्चा और मंजूरी दी जा सकती है। संसाधन सृजन समिति के सुझावों को लागू करने को लेकर भी निर्णय हो सकता है। विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े पदों को भरने पर भी मोहर लग सकती है।