Edited By Vijay, Updated: 11 Mar, 2025 05:48 PM
हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने मंगलवार को 17053.87 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पारित कर दिया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस संबंध में सदन में वित्तीय वर्ष 2024-25 के अनुपूरक बजट की पहली व अंतिम किस्त प्रस्तुत की।
शिमला (कुलदीप): हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने मंगलवार को 17053.87 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पारित कर दिया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस संबंध में सदन में वित्तीय वर्ष 2024-25 के अनुपूरक बजट की पहली व अंतिम किस्त प्रस्तुत की। उन्होंने इसको लेकर हिमाचल प्रदेश विनियोग विधेयक भी सदन में पेश किया, जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसके पारित होने के बाद सरकार को 17053.78 करोड़ रुपए की राशि को खर्च करने की अनुमति मिल गई है। मुख्यमंत्री की तरफ से सदन में प्रस्तुत अनुपूरक मांगों में 15776.19 करोड़ रुपए राज्य स्कीमों और 1277.59 करोड़ रुपए केंद्र प्रायोजित स्कीमों के लिए प्रावधित किए गए हैं।
राज्य स्कीमों के तहत मुख्य रूप से वेज एंड मींस और ओवरड्रॉफ्ट के लिए 10137 करोड़ 7 लाख रुपए, विद्युत उत्पादन, मानसून के दौरान क्षतिग्रस्त 33 केवी के ट्रांसफार्मरों की मुरम्मत और एचपीपीटीसीएल, एचपीपीसीएल, एचपीएसईबीएल व एचपीएसएलडीसी को ऋण के लिए 1033 करोड़ 63 लाख रुपए, हिमाचल पथ परिवहन निगम को यात्रियों की विभिन्न श्रेणियों को किराए में दी जा रही छूट के एवज में उपदान और ई-बसों की खरीद के लिए 814 करोड़ 94 लाख रुपए, पैंशन और अन्य अन्य सेवानिवृत्त लाभ के लिए 763 करोड़ 26 लाख रुपए, मेडिकल कॉलेजों के निर्माण व मशीनरी की खरीद तथा हिम केयर योजना के लिए 455 करोड़ 91 लाख रुपए प्रावधित किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलापूर्ति एवं मल निकासी योजनाओं के लिए 329 करोड़ 44 लाख रुपए, प्राकृतिक आपदा राहत के लिए 303 करोड़ 67 लाख रुपए, पर्यटन विकास के लिए 173 करोड़ 25 लाख रुपए, मानसून के दौरान क्षतिग्रस्त पाठशाला भवनों की मुरम्मत व पुनर्निर्माण, नई पाठशालाों व काॅलेजों के भवनों में निर्माण, इंडोर ऑडिटोरियम के निर्माण तथा फार्मेसी काॅलेज सिराज के लंबित दायित्व के भुगतान के लिए 150 करोड़ 19 लाख रुपए प्रावधित किए हैं।
15वें वित्तायोग के तहत ग्रामीण स्थानीय निकायों को सहायता अनुदान के लिए 142 करोड़ 83 लाख रुपए, सड़कों, पुलों के निर्माण व मुआवजे के लिए 135 करोड़ 88 लाख रुपए, कामकाजी महिला हाेस्टलों के निर्माण, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं के मानदेय, मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना, मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना और इंदिरा गांधी महिला सम्मान निधि के तहत विभिन्न व्ययों के लिए 130 करोड़ 16 लाख रुपए, द्वारका नई दिल्ली में राज्य अतिथि गृह के निर्माण, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के छात्रावास के निर्माण और कार्यालय भवनों के निर्माण व रखरखाव के लिए 127 करोड़ 77 लाख रुपए, रेल परियोजनाओं के लिए 124 करोड़ 50 लाख रुपए, मनरेगा के तहत मजदूरी के भुगतान के लिए 120 करोड़ 72 लाख रुपए, बल्क ड्रग पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क और हिमस्वां कनैक्टिविटी के लिए 88 करोड़ 97 लाख रुपए, शहरी स्थानीय निकायों की सहायता अनुदान, मानसून के दौरान क्षतिग्रस्त विभिन्न मल निकासी योजनाओं, रास्तों, एंबुलैंस सडक़ों, पार्किंग की मुरम्मत व पुनर्निर्माण और एसजेपीएनएल में निवेश के लिए 81 करोड़ 52 लाख रुपए, जायका प्रोजैक्ट, एमआईएस के लंबित दायित्व के लिए 79 करोड़ 62 लाख रुपए और आवासीय भवनों के निर्माण व रखरखाव, प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 73 करोड़ 54 लाख रुपए प्रावधित किए गए हैं।
केंद्रीय प्रायोजित स्कीमों के तहत अधिकतर राशि चालू तथा नई विकास योजनाओं, जिनके लिए केंद्र सरकार से इस वर्ष के दौरान धनराशि प्राप्त हुई, के लिए प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए 296 करोड़ 56 लाख रुपए, एनडीआरएफ से प्राप्त आपदा प्रबंधन के लिए 207 करोड़ 71 लाख रुपए, श्री रेणुका जी बांध विस्थापितों को मुआवजे के लिए 207 करोड़ 23 लाख रुपए, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 90 करोड़ 28 लाख रुपए, मनरेगा के लिए 53 करोड़ 39 लाख रुपए, अम्रूत योजना के लिए 51 करोड़ 74 लाख रुपए, प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राईजिंग इंडिया के लिए 43 करोड़ 25 लाख रुपए, बीपीएल परिवारों के गेहूं और चावल पर उपदान के लिए 42 करोड़ 71 लाख रुपए, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के लिए 38 करोड़ 62 लाख रुपए, विशेष पोषाहार कार्यक्रम के लिए 35 करोड़ 23 लाख रुपए, स्वच्छ भारत मिशन के लिए 22 करोड़ 29 लाख रुपए और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए 18 करोड़ 88 लाख रुपए प्रस्तावित हैं। उन्होंने सदन से अनुपूरक अनुदान मांगों को पारित करने का आग्रह किया, जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया।
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