Edited By Vijay, Updated: 17 Nov, 2024 08:49 PM
संजौली मस्जिद विवाद अभी पूरी तरह से थमा भी नहीं है कि राजधानी शिमला में विधानसभा के पास रामकृष्ण मंदिर व आश्रम में दो गुटों में पथराव व तोड़फोड़ की घटना घटित हुई है। इसमें पुलिस कर्मियों सहित 7 लोग घायल हो गए हैं।
शिमला (संतोष): संजौली मस्जिद विवाद अभी पूरी तरह से थमा भी नहीं है कि राजधानी शिमला में विधानसभा के पास रामकृष्ण मंदिर व आश्रम में दो गुटों में पथराव व तोड़फोड़ की घटना घटित हुई है। इसमें पुलिस कर्मियों सहित 7 लोग घायल हो गए हैं। शनिवार रात्रि को हुए इस घटनाक्रम के बाद यहां पर तनाव पैदा हो गया है और रात्रि से ही यहां पर पुलिस ने पहरा लगा दिया है और यह स्थल पुलिस छावनी में तबदील हो गया है। पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत 2 अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं, जिसमें एक मामला पुलिस कर्मियों की ओर से भी दर्ज करवाया गया है।
पहले दोनों तरफ से नारेबाजी हुई, फिर एक-दूसरे पर किया पथराव
जानकारी के अनुसार रामकृष्ण मिशन मंदिर पर कब्जा करने के लिए शनिवार देर रात एक बजे के आसपास ब्रह्मों समाज और रामकृष्ण मिशन के बीच मारपीट, तोड़फोड़ और पथराव हुआ। इन दोनों गुटों के बीच पुलिस मूकदर्शक बनी रही और पुलिस कर्मी ही इनके पथराव से घायल हो गए। बताया जा रहा है कि ब्रह्मो समाज ने मंदिर 2014 में धार्मिक कार्यों के लिए रामकृष्ण मिशन को दे रखा है और मामला सुप्रीम कोर्ट में भी विचाराधीन है, जिसकी सुनवाई 28 जनवरी को होनी है। यह मामला उस समय उग्र हुआ जब देर रात ब्रह्मो समाज के लोग पूजा और ध्यान करने पहुंचे थे, वहीं रामकृष्ण मिशन के लोग भी वहां मौजूद थे। पहले दोनों तरफ से नारेबाजी हुई, उसके बाद आंदोलन पर उतर आए और बाद में एक-दूसरे पर पथराव हुआ। आंदोलनकारियों ने आश्रम के प्रबंधकों पर कब्जा करने का आरोप लगाया है, जिसके बाद माहौल काफी तनावपूर्ण हुआ।
पुलिस में दर्ज पहले मामले के तहत ये हुआ घटनाक्रम
पहले मामले के तहत शनिवार को शाम करीब 5.40 पर रामकृष्ण मिशन आश्रम कोमली बैंक शिमला में स्वामी के प्रवचन के दौरान दर्शन करने करीब 50-60 महिला व पुरुष मंदिर परिसर में आए। स्वामी का प्रवचन समाप्त होने के बाद भी यह सभी लोग बाहर नहीं आए और मंदिर के अंदर अपने धर्म का कलश स्थापित करने लग गए तो स्वामी ने इन्हें कलश स्थापित करने के लिए मना किया, वे नहीं माने और अपने मंत्र के साथ कलश स्थापित करने की कार्रवाई शुरू कर दी और किसी को अंदर नहीं जाने दिया और दोनों गुट दरवाजों पर बैठ गए। पुलिस के आलाधिकारी व एसडीएम वहां आए और दोनों पक्षों को समझाया तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। ब्रह्मो समाज के लोग अंदर व बाहर बैठ कर ओम उच्चारण करने लगे तथा दूसरी तरफ रामकृष्ण मिशन के अनुयायी बैठ गए और नारे लगाने लगे और चेतावनी देने लगे कि इन लोगों को यहां से नहीं उठाया तो ये लोग इनको निकाल देंगे। शनिवार रात को 11 बजे के बाद रामकृष्ण मिशन के अनुयायियों में एक महिला ने कुर्सी उठाकर दूसरी तरफ महिलाओं पर फैंकी और फिर देखते ही देखते एक-दूसरे पर पथराव शुरू कर दिया और गमले फैंके। पुलिस ने दोनों पक्षों को रोकने की कोशिश की। रामकृष्ण मिशन के लोगों ने डंडों, पत्थरों व गमलों से दूसरे पक्ष के साथ मारपीट की है। अंदर वालों ने माइक तोड़कर बाहर को मारे, जिससे मंदिर परिसर का नुक्सान हुआ है और लोगों को चोटें आई हैं। पुलिस ने बीएनएस की धारा 298, 194 (2), 191 (2), 191(3), 190, 115(2), 324(4), 352, 351(2) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस कर्मियों ने भी दर्ज करवाया मुकद्दमा
उधर, दूसरे दर्ज मामले में आरक्षी साहिल पुत्र प्रेमचंद निवासी गांव धार, डाकघर बडागांव, तहसील कुमारसैन ने बताया कि वह पुलिस लाइन कैंथू में क्यू.आर.टी. में आरक्षी हैं। शनिवार को यह क्यूआरटी टीम के सदस्य आरक्षी अनिल, विदित व अन्य के साथ रामकृष्ण मिशन आश्रम कोमली बैंक नजदीक विधानसभा ड्यूटी पर तैनात थे। रामकृष्ण मिशन आश्रम के सदस्यों व अनुयायियों द्वारा ड्यूटी के दौरान एक महिला ने बरामदे में रखी कुर्सी को उठाकर दूसरे पक्ष की महिलाओं को मारने लगी और इसके साथ अन्य सदस्यों ने उनके ऊपर पत्थर मारे, जिससे इसे बाएं हाथ की एक उंगली में चोटें लगी व ड्यूटी पर तैनात आरक्षी अनिल के सिर के पिछले हिस्से में पत्थर मारे तथा तीसरे व्यक्ति आरक्षी विदित के दाहिने हाथ की हथेली में चोटें लगी हैं, जिन्हें घायलावस्था में आईजीएमसी उपचार के लिए लाया गया। इन लोगों ने सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करके जानलेवा हमला करके उन्हें घायल किया है। पुलिस ने बी.एन.एस. की धारा 132, 121, 221 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
क्या कहते है दोनों पक्ष
हिमालयन ब्रह्मो समाज के ट्रस्टी एमआर संगरोली ने कहा कि प्रॉपर्टी ब्रह्मो समाज की है और रामकृष्ण मिशन के लोगों ने इस पर कब्जा किया है। उन्होंने कहा कि जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है और ब्रह्मो समाज का दो दिवसीय राष्ट्रीय काॅन्फ्रैंस कालीबाड़ी हाल में चल रही थी, उसका समापन था और विभिन्न प्रदेशों से आए लोगों ने तय किया था कि ब्रह्मो समाज के मंदिर में पूजा-अर्चना की जाएगी। इसी के तहत ब्रह्मो समाज के लोग यहां मंदिर में पूजा-अर्चना करने आए थे। वहीं रामकृष्ण मंदिर के सचिव स्वामी तनहिमानंद ने कहा कि 2014 से धार्मिक कार्य के लिए ब्रह्मो समाज ने मंदिर दिया है और तब से मंदिर चल रहा है। कुछ लोगों ने कालीबाड़ी में काॅन्फ्रैंस भी की, जिसके बारे में एसपी शिमला को दस दिन पहले ही किसी अनहोनी की सूचना दे दी थी और वह कोर्ट में भी गए थे, जहां तारीख नहीं मिल सकी। लेकिन यह लोग भक्त बनकर यहां आए और यहां खूब हंगामा किया, जबकि सर्वोच्च न्यायालय में इसकी सुनवाई लंबित है।
मामले की गंभीरता से जांच में जुटी है पुलिस : गांधी
उधर, एसपी शिमला संजीव गांधी ने कहा कि मंदिर में हुए विवाद को लेकर पुलिस पहले ही पहुंच गई थी और पुलिस ने यहां दोनों पक्षों को समझाने का पूरा प्रयास किया, लेकिन यहां कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया और दोनों पक्षों के बीच पत्थरबाजी हुई और कई लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने इस मामले में 2 प्राथमिकी दर्ज की हैं और कुछ लोगों की पहचान भी कर ली गई है, जो बड़े-बड़े पत्थर लेकर आए थे। पुलिस इसकी गहनता से जांच कर रही है और कानून किसी को भी हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। मामले की निष्पक्षता से जांच चल रही है।
हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here
हिमाचल प्रदेश की खबरें पढ़ने के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें Click Here