Edited By Jyoti M, Updated: 15 Jan, 2025 02:46 PM
हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सिस्सू में अगले 44 दिनों तक टूरिस्ट गतिविधियों पर रोक लगाई गई है। यह प्रतिबंध 16 जनवरी से 28 फरवरी तक लागू रहेगा। इस दौरान सिस्सू गांव और इसके आसपास के लगभग पांच किलोमीटर के क्षेत्र में कोई...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सिस्सू में अगले 44 दिनों तक टूरिस्ट गतिविधियों पर रोक लगाई गई है। यह प्रतिबंध 16 जनवरी से 28 फरवरी तक लागू रहेगा। इस दौरान सिस्सू गांव और इसके आसपास के लगभग पांच किलोमीटर के क्षेत्र में कोई भी पर्यटक गतिविधि नहीं होगी। हालाँकि, लाहौल-स्पीति के अन्य क्षेत्रों जैसे कोकसर और केलांग की यात्रा करने पर कोई रोक नहीं है।
क्यों लगाई गई रोक?
दरअसल, सिस्सू गांव में देव आदेश के चलते यह फैसला लिया गया है। धार्मिक आस्था और देव कारज के चलते पंचायत ने डीसी लाहौल स्पीति को प्रस्ताव भी दिया था। हर साल यहां पर 44 दिन के लिए सिस्सू में टूरिस्ट एक्टिविटीज बंद रहती है। यह फैसला धार्मिक आस्था और परंपरा के कारण लिया गया है।
स्थानीय मान्यता के अनुसार, 15 जनवरी के बाद देवी-देवता देवलोक चले जाते हैं। उनकी अनुपस्थिति में, माना जाता है कि बुरी शक्तियाँ सक्रिय हो जाती हैं, जो इंसानों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। ऐसे में शोर-शराबे और भारी भीड़ से बचने के लिए सिस्सू पंचायत ने यह कदम उठाया है। स्थानीय लोग इस अवधि में पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन करते हैं।
पर्यटन गतिविधियां ठप
प्रतिबंध के चलते सिस्सू में एडवेंचर स्पोर्ट्स जैसे राइडिंग, हॉट बलून, ज़िप लाइन, स्कीइंग, और ट्यूब स्लाइडिंग पूरी तरह से बंद रहेंगे। देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को इस अवधि में सिस्सू नहीं जाने दिया जाएगा। हालांकि, अटल टनल के पास कोकसर और यांगला जैसे स्थानों पर पर्यटक घूम सकते हैं। धार्मिक परंपरा के अनुसार, इस दौरान लोग देवी-देवताओं के सम्मान में सादगीपूर्ण जीवन व्यतीत करते हैं और पर्यटक गतिविधियां पूरी तरह से बंद रहती हैं।
स्थानीय विधायक अनुराधा राणा ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि 16 जनवरी से 44 दिन तक केवल सिस्सू में टूरिस्ट एक्टिविटीज बंद रहेंगी. लाहौल स्पीति के बाकी इलाके सैलानियों के लिए पूरी तरह से ओपन हैं और कोई भी कहीं भी आ जा सकता है. गौरतलब है कि सिस्सू पंचायत में टूरिस्ट को लेकर प्रतिबंध के बाद दस किमी दूर यांगला और कोकसर, अटल टनल के पास सैलानी आ जा सकते हैं।