Shimla: तुर्की की कंपनी कर रही मनाली-लेह रेल लाइन का सर्वे, केंद्र सरकार लगाए रोक

Edited By Kuldeep, Updated: 19 May, 2025 04:32 PM

shimla turkish company railway line survey

हिमाचल के ड्रीम प्रोजैक्ट बिलासपुर-मनाली-लेह रेल लाइन सर्वे का काम तुर्की की एक कंपनी द्वारा किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए घातक हो सकता है।

शिमला (राक्टा): हिमाचल के ड्रीम प्रोजैक्ट बिलासपुर-मनाली-लेह रेल लाइन सर्वे का काम तुर्की की एक कंपनी द्वारा किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए घातक हो सकता है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने सोमवार को शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह सैटेलाइट आधारित सर्वेक्षण है और इससे संवेदनशील भौगोलिक जानकारियां दुश्मन देशों के हाथ लग सकती हैं। लेह चीन की सीमा से सटा हुआ क्षेत्र है। ऐसे में किसी विरोधी देश की कंपनी को ऐसे प्रोजैक्ट के सर्वे का कार्य सौंपना आत्मघाती कदम होगा। राठौर ने मांग की कि केंद्र सरकार और रेलवे मंत्रालय तत्काल कंपनी के साथ हुए करार को रद्द करें और कंपनी को इस कार्य से हटाए। साथ ही उन्होंने तुर्की और अजरबैजान के सेब, चेरी सहित अन्य वस्तुओं के आयात पर गंभीर आपत्ति दर्ज की।

उन्होंने इस मुद्दे को केवल आर्थिक नहीं, बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा, अस्मिता और आत्मनिर्भरता से जुड़ा हुआ बताया। राठौर ने कहा कि वर्ष 2023 में तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप के दौरान भारत सरकार ने ऑप्रेशन दोस्त के तहत सबसे पहले मानवीय सहायता पहुंचाई थी। इसके बावजूद जब भारत में पुलवामा जैसे आतंकी हमले हुए या जब भारतीय सेना ने पीओके में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, तब तुर्की और अजरबैजान ने न केवल चुप्पी साधी, बल्कि पाकिस्तान के समर्थन में ड्रोन भेजने जैसी हरकतें भी कीं। राठौर ने कहा कि व्यापार का लाभ राष्ट्रहित से बड़ा नहीं हो सकता। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि व्यापार और शत्रुता एक साथ नहीं चल सकते। उन्होंने कहा कि पुणे, हरियाणा, हिमाचल सहित कई राज्यों में व्यापारियों ने तुर्की से आयात बंद कर दिया है और यह एक राष्ट्रवादी एवं जागरूक पहल है।

सांसदों से आग्रह, संसद में उठाए मुद्दे
राठौर ने भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम आयात मूल्य को 50 से 100 प्रतिशत करने की मांग की, ताकि सस्ते आयात से हिमाचल के स्थानीय किसानों और बागवानों को हो रहा नुक्सान रोका जा सके। साथ ही प्रदेश के सभी सांसदों से आग्रह किया कि वे संसद में इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएं और यह सुनिश्चित करें कि हिमाचल के किसानों, व्यापारियों और राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों की उपेक्षा न हो।

हवाला नैटवर्क, निगरानी की आवश्यकता
राठौर ने कहा कि तुर्की और कुछ अन्य देशों से जो सेब आयात होता है, वहां उसका मूल्य जानबूझकर कम आंका जाता है और उसका आंशिक भुगतान बैंकिंग चैनलों से होता है, जबकि बाकी राशि हवाला नैटवर्क के माध्यम से भेजी जाती है। उन्होंने इस प्रकार की लेन-देन व्यवस्था को देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताते हुए कहा कि ऐसी व्यवस्थाएं आतंकवाद को पोषण दे सकती हैं, जिस पर कड़ी निगरानी की आवश्यकता है।

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