Edited By Kuldeep, Updated: 17 Aug, 2024 09:45 PM
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में हर तरह का माफिया सक्रिय है लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। यहां से जारी बयान में उन्होंने बंजार में सैंकड़ों की संख्या में हरे पेड़ों को काटने के मामले में सरकारी संरक्षण का...
शिमला (हैडली): पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में हर तरह का माफिया सक्रिय है लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। यहां से जारी बयान में उन्होंने बंजार में सैंकड़ों की संख्या में हरे पेड़ों को काटने के मामले में सरकारी संरक्षण का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से जवाब मांगा है। उन्होंने कहा कि एक तरफ देश में वनाच्छादित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार अभियान चला रही है, वहीं दूसरी तरफ प्रकृति प्रदत्त जीवन देने वाले हरे-भरे पेड़ हिमाचल में सैंकड़ों की संख्या में काटे और बेचे जा रहे हैं।
बार-बार स्थानीय लोगों द्वारा आवाज उठाने के बाद भी वन विभाग और प्रशासन अनजान बना हुआ है। आम लोगों के अलावा स्थानीय विधायक सुरेंद्र शौरी के बार-बार आवाज उठाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे यह साफ है कि वन माफिया पर सरकार में बैठे ताकतवर लोगों का हाथ है। इसलिए यह धंधा धड़ल्ले से चल रहा है। मुख्यमंत्री यह बताएं कि इस तरह से माफिया को संरक्षण कौन दे रहा है। जो लोग इस खेल में शामिल हैं उन पर क्या कार्रवाई की जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन में माफिया राज चल रहा है तथा कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। खनन माफिया से लेकर स्क्रैप माफिया और वन माफिया का बोलबाला है। कभी स्क्रैप माफिया दिन-दिहाड़े गोली चला देता है, खनन माफिया पुलिस टीम पर हमला कर देता है तो वन माफिया वन विभाग की टीम पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश करता है। हिमाचल प्रदेश वन निगम द्वारा एक ठेकेदार को सिराज डिवीजन में आने वाले शुराग शिल्ह के जंगलों में सूखी लकडि़यां इकट्ठा करने का काम मिला था, लेकिन ठेकेदार द्वारा सूखे और उखड़े पेड़ों का कटान करने की बजाय हरे पेड़ों का धड़ल्ले से कटान किया गया। इसके लिए कश्मीर से खास श्रमिक बुलाए गए। यह सब प्रशासन की निगरानी में हुआ।
डिमर-चाहड़ी के गोदाम में पांच से छह हजार से ज्यादा हरे पेड़ों के स्लीपर पड़े हुए हैं लेकिन जिम्मेदार आंखें बंद कर बैठे हैं। इस तरह के खुलकर हो रहे खेल में कौन-कौन शामिल हैं और उन्हें किस-किस का संरक्षण प्राप्त है, यह प्रदेश के सामने आना चाहिए। यह घटना बहुत गंभीर है और इस घटना में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है, उसके बारे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को प्रदेश के लोगों को बताना चाहिए।