Edited By Kuldeep, Updated: 13 Sep, 2025 07:12 PM

प्रदेश के सरकारी स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड करने से पहले सरकार इस मामले को स्टडी करेगी। इसके बाद ही इसमें विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड कर्मचारी महासंघ को ऐसा आश्वासन दिया है।
शिमला (प्रीति): प्रदेश के सरकारी स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड करने से पहले सरकार इस मामले को स्टडी करेगी। इसके बाद ही इसमें विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड कर्मचारी महासंघ को ऐसा आश्वासन दिया है। इस मामले पर शनिवार को कर्मचारी महासंघ का प्रतिनिधिमंडल प्रधान सुनील शर्मा की अगुवाई में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से सचिवालय में मिला। इस दौरान कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि जब किताबें एक है, सिलेबस एक है तो बोर्ड बदलने की क्या जरूरत है। सरकारी स्कूलों में इस समय एनसीईआरटी की ही किताबें पढ़ाई जा रही हैं और सीबीएसई बोर्ड भी यही किताबें पढ़ा रहा है।
ऐसे में राज्य में बोर्ड बदलने से ज्यादा कुछ फायदा होने वाला नहीं है। इस पर मुख्यमंत्री ने महासंघ को आश्वस्त किया कि मामले को पहले स्टडी किया जाएगा। इसके बाद इस पर विचार होगा। सुनील शर्मा ने उम्मीद जताई है कि सरकार इस फैसले पर पुन: विचार करेगी। हालांकि सरकार ने इस दौरान 229 स्कूल शार्टलिस्ट किए हैं, जिनमें सीबीएसई बोर्ड शुरू किया जाना है। इसको लेकर शिक्षा विभाग ने रोडमैप भी तैयार कर लिया है। सरकार ने अगले सैशन से इन स्कूलों में सीबीएसई बोर्ड शुरू करनी की योजना बनाई है।
सरकार बना सकती है कमेटी
सूत्रों की मानें तो इस मामले पर अब सरकार कमेटी का गठन कर सकती है, जो मामले पर स्टडी करेगी। विभाग के आला अधिकारियों के अलावा शिक्षाविदों को इसमें शामिल किया जा सकता है। इस दौरान देखा जाएगा कि सरकारी स्कूलों में सीबीएसई बोर्ड करने का फैसला कितना कारगर साबित हो सकता है। कमेटी इसके फायदे और नुक्सान का आकलन करेगी। जिन राज्यों में यह योजना असफल रही है, उनसे भी फीडबैक लिया जा सकता है।
शिक्षक संगठनों से भी ली जाए राय
उधर, शिक्षक संगठनों ने भी सरकार से आग्रह किया कि इस मामले में उनसे भी सुझाव लिए जाएं, अन्य स्टेकहोल्डर्स से भी सरकार इसमें राय ले सकती है।