Edited By Kuldeep, Updated: 08 Dec, 2025 09:07 PM

राजधानी शिमला के संजौली मस्जिद को लेकर जारी विवाद एक बार फिर तेज हो गया है।
शिमला (अम्बादत): राजधानी शिमला के संजौली मस्जिद को लेकर जारी विवाद एक बार फिर तेज हो गया है। एक ओर ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन ने मस्जिद निर्माण को वैधता दिलाने के लिए नगर निगम शिमला के आयुक्त के पास औपचारिक आवेदन देने का निर्णय लिया है, वहीं दूसरी ओर हिंदू संघर्ष समिति ने मुस्लिम संगठन के दावों को झूठ करार देकर प्रदेश सरकार पर मुस्लिम पक्ष को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष नजाकत अली हाशमी ने सोमवार को पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि मस्जिद में निर्माण कार्य अवैध श्रेणी में अवश्य आता है, लेकिन यह पूरी तरह गैर कानूनी नहीं है। समुदाय नियमों के अनुरूप इसे लीगल करवाने की प्रक्रिया शुरू करेगा और नगर निगम के पास अनुमति के लिए आवेदन दायर किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज को देश की न्यायिक व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और वे 9 मार्च को हाईकोर्ट में होने वाली अगली सुनवाई के आदेशों का सम्मान करेंगे। हाशमी ने आरोप लगाया कि कुछ लोग व्यक्तिगत हितों के कारण इस मामले को धार्मिक रंग दे रहे हैं और एक अधिवक्ता अपने निजी फायदे के लिए मस्जिद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। उन्होंने उस दावे को भी खारिज किया कि मस्जिद मौजूदा खसरा नंबर पर दर्ज नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि हिंदू पक्ष के पास पहले यहां गण देवता का स्थान होने के प्रमाण हैं तो उन्हें दस्तावेज पेश करने चाहिए।
प्रैस वार्ता में रखी गई बातें झूठ का पुलिंदा : विजय शर्मा
हिंदू संघर्ष समिति ने मुस्लिम संगठन के दावों को बेबुनियाद बताया है। समिति के नेता विजय शर्मा ने कहा कि हाशमी द्वारा प्रैस वार्ता में रखी गई बातें झूठ का पुलिंदा हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरा बयान हिमाचल प्रदेश सरकार की स्क्रिप्ट है, जिसे मुस्लिम नेता पढ़ रहे हैं। शर्मा ने कहा कि इससे पहले इमरान प्रतापगढ़ी जैसे नेताओं ने भी अवैध मस्जिद को बचाने की कोशिश की थी और अब उसी दिशा में यह बयानबाजी हो रही है। विजय शर्मा ने दावा किया कि पांच बार कोर्ट के फैसले मुस्लिम पक्ष के खिलाफ आ चुके हैं, बावजूद इसके झूठे तथ्य दोहराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मस्जिद निर्माण पूरी तरह अवैध है और अब इसे वैध कराने की कोशिशें प्रदेश में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश हैं।
मामले में पार्टी ही नहीं हाशमी, उनका बयान गैर जरूरी : एडवोकेट जगत पाल
संजौली मस्जिद मामले में ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष नजाकत अली हाशमी की प्रैस वार्ता में नगर निगम के दफ्तर जाकर नए नक्शे को मंजूरी दिलवाकर निर्माण लीगल करवाने की बात कही है। इस पर देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक भारत भूषण और एडवोकेट जगत पाल ने पत्रकार वार्ता में कहा कि नजाकत अली हाशमी का इस पूरे मामले से कोई लेना-देना नहीं है। वह न तो इस मामले में पार्टी है और न ही प्रतिवादी है। ऐसे में उसका प्रैस वार्ता में झूठ कहना जनता को बरगलाने जैसा है। देवभूमि संघर्ष समिति ने नजाकत अली हाशमी को भी जिहादी मानसिकता वाला शख्स करार दिया। समिति ने कहा कि हाशमी खुद बालूगंज मस्जिद पर कब्जा करके बैठा है, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद वक्फ बोर्ड खाली नहीं करवा सका। देवभूमि संघर्ष समिति ने कहा कि वे अदालत का सम्मान करते हैं, वे अदालत के फैसले पर किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं, लेकिन इस पूरे मामले में केस का बैक ग्राऊंड बताना जरूरी है।
हिमाचल प्रदेश नगर निगम एक्ट के मुताबिक किसी भी पुराने स्ट्रक्चर को तोड़ने या नया स्ट्रक्चर बनाने के लिए अनुमति लेना जरूरी है। कानून में किसी के लिए न तो कोई छूट है और न ही विशेष प्रावधान है, ऐसे में बिना अनुमति के पहले स्ट्रक्चर को तोड़ा गया और नोटिस मिले के बावजूद पांच मंजिला इमारत खड़ी कर दी गई, यह पूरी तरह नियमों के खिलाफ है। देवभूमि संघर्ष समिति को उम्मीद है कि पहले भी फैसला अवैध निर्माण के खिलाफ आया और आने वाले वक्त में भी ऐसा ही होगा, क्योंकि निर्माण कार्य में नियमों को पूरी तरह ताक पर रखा गया।