ड्रग पैडलिंग रोकथाम में रोल मॉडल बन रही शिमला पुलिस, मैपिंग की मुहिम को प्रदेशभर में किया शुरू

Edited By Jyoti M, Updated: 21 Apr, 2025 10:46 AM

shimla police is becoming a role in preventing drug peddling

ड्रग पैडलिंग रोकथाम व ड्रग नैक्सस का भंडाफोड़ करने में शिमला पुलिस प्रदेशभर में रोल मॉडल बन गई है। शिमला पुलिस के मिशन क्लीन-भरोसा नाम से ड्रग पैडलरों के खिलाफ चल रही मुहिम के तहत न केवल ड्रग तस्करों को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है, अपितु कई...

शिमला (संतोष कुमार): ड्रग पैडलिंग रोकथाम व ड्रग नैक्सस का भंडाफोड़ करने में शिमला पुलिस प्रदेशभर में रोल मॉडल बन गई है। शिमला पुलिस के मिशन क्लीन-भरोसा नाम से ड्रग पैडलरों के खिलाफ चल रही मुहिम के तहत न केवल ड्रग तस्करों को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है, अपितु कई नैक्सस व सिंडिकेट का पर्दाफाश करते हुए अब मैपिंग करके वार्ड स्तर पर इस मुहिम को चलाया गया है। मैपिंग की इस मुहिम को राज्य सरकार ने प्रदेशभर में लागू कर दिया है और सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को डाटा एकत्रित करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में शिमला पुलिस का मैपिंग का यह आइडिया अब समूचे प्रदेश में लागू हो चुका है।

शिमला पुलिस ने इसी वर्ष मात्र साढ़े 3 माह के अंतराल में जहां 100 से अधिक केस दर्ज कर 250 से अधिक ड्रग पैडलरों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है, वहीं करीब 20 अंतर्राजीय ड्रग पैडलरों को अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से धर-दबोच कर शिमला लाया गया है। इस अवधि में शिमला पुलिस ने करीब 1 किलोग्राम चिट्टा भी बरामद किया है। शिमला पुलिस ने पिछले करीब अढ़ाई वर्ष में करीब 850 केस दर्ज करते हुए 1800 लोगों को अरैस्ट किया है, जिसमें कई बड़े गैंग व सिंडिकेट शामिल रहे हैं, वहीं चिट्टा व सिंथैटिक ड्रग की भारी खेप भी बरामद की है।

पुलिस तैयार कर रही डाटा, मैपिंग करके वार्ड स्तर पर चलाई जा रही मुहिम

शिमला पुलिस शहरी क्षेत्रों सहित ग्रामीण इलाकों में वार्ड स्तर पर मैपिंग करके डाटा तैयार कर रही है, ताकि ड्रग पैडलिंग एक्टीविटी और नशा करने वालों के बारे में जानकारी उपलब्ध हो सके। इसके लिए स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस हर वार्ड में विशेष अभियान चलाकर यहां न केवल डाटा तैयार कर रही है, अपितु यहां पर चिट्टे व नशे से लड़ने के लिए टीम भी तैयार कर रही है। शिमला पुलिस की इस मुहिम में कई पंचायतों ने पुलिस का खूब समर्थन किया है और कई जगह पंचायतों ने तो ईनाम तक की घोषणा की है, वहीं ड्रग पैडलिंग एक्टीविटी में शामिल होने वाले परिवार को पंचायत से मिलने वाली सुविधाएं भी बंद करने का फरमान जारी किया हुआ है।

ऑनलाइन पेमैंट के माॅड्यूल को किया एक्सपोज

शिमला पुलिस ने अपनी मुहिम में ऑनलाइन पेमैंट के माॅडयूल को एक्सपोज किया है। साइबर सैल, आधुनिक उपकरणों व पुलिस की मुस्तैदी से पैडलरों द्वारा अपनाए जा रहे हर हथकंडे को बेपर्दा किया। इसमें पर्सन टू पर्सन कांटैक्ट और शिमला जिला में ड्रग पैडलिंग के बनाए गए नैटवर्क को ध्वस्त किया है। इसी वर्ष शिमला पुलिस ने संदीप शाह सिंडिकेट को बेपर्दा किया है, जो न केवल उत्तर भारत के 5 राज्यों में अपना नैटवर्क फैलाए हुए था, वहीं यह कई राज्यों में भी वांछित चल रहा था। पंजाब में सजा-ए-आफ्ता बूटा सिंह को पुलिस ने शिमला में ड्रग पैडलिंग नैटवर्क में गिरफ्तार किया। रामपुर क्षेत्र में सोनू गैंग का पर्दाफाश किया, जिसमें अटवाल दंपति सहित 32 ड्रग पैडलरों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है।

शिमला पुलिस कर रही पूरी तरह से प्रयास, अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डरों पर कुछ प्रयास की है सख्त जरूरत : गांधी

एस.एस.पी. शिमला संजीव गांधी ने कहा कि शिमला पुलिस की ड्रग पैडलरों के खिलाफ चल रही मुहिम में लोगों का खूब सहयोग मिल रहा है। पुलिस ने अंतर्राज्यीय ड्रग पैडलरों के गिरोह दबोचे हैं, जो शिमला सहित ऊपरी इलाके में अपनी पैठ बनाए हुए थे, वहीं अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से भी ड्रग पैडलरों को धर-दबोच कर शिमला लाया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस तो अपनी ओर से पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है और मुख्यमंत्री द्वारा सभी पुलिस अधीक्षकों की ली गई बैठक में सभी एस.पी. को डाटा एकत्रित करने व मैपिंग करने के आदेश दिए गए हैं, लेकिन ड्रग पैडलिंग गतिविधियों पर अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर लगाम लगाने की भी जरूरत है। इसके लिए वह अपने अनुभव और ड्रग पैडलिंग रोकथाम के लिए अपने सुझाव भी सरकार के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं।

शिमला पुलिस ने शहरी व ग्रामीण स्तर पर वार्ड लेवल पर मुहिम शुरू की है, जिसमें न केवल मैपिंग की जा रही है, अपितु लोगों को साथ जोड़ा जा रहा है, ताकि ड्रग पैडलिंग गतिविधियों पर लगाम लग सके, वहीं नशा करने वालों के बारे में भी सूचना एकत्रित हो सके, जिससे युवा पीढ़ी को इस गर्त से बचाया जा सके।

पहले अभिभावक करते थे संकोच, अब खुलकर आ रहे सामने

लोक-लाज के कारण पहले अभिभावक अपने बच्चों के बारे में ड्रग पैडलिंग व नशा करने की एक्टीविटी के बारे में जानकारी नहीं देते थे, लेकिन जब से शिमला पुलिस की मुहिम चली हुई है, तब से अभिभावक भी आगे आने लगे हैं और अपने बच्चों के बारे में जानकारी देने लगे हैं। यहां तक कि कई अभिभावक पुलिस के पास पहुंचकर अपने बच्चों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल में डालने की बात करते हैं, ताकि उनके बच्चे बच सकें और न केवल नशे से मुक्त हो सकें, अपितु एक साफ-सुथरी जिंदगी भी जी सकें।

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